इंदौर। मध्यप्रदेश पुलिस के प्रधान आरक्षक अजीज गौरी को एक हजार पांच सौ रुपए की रिश्वत लेने के मामले में 4 साल जेल की सजा सुनाई गई है। लोकायुक्त पुलिस ने अजीज गौरी को 2016 में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। कोर्ट में उसका अपराध सिद्ध पाया गया।

जिला लोक अभियोजन अधिकारी मोहम्मद अकरम शेख द्वारा बताया गया कि, न्यायालय यतीन्द्र कुमार, विशेष न्यायाधीश, लोकायुक्त जिला इन्दौर के द्वारा थाना विपुस्था इंदौर के अप.क्र. 163/16, विशेष प्रकरण क्र. 24/16, में आरोपी मो. अजीज गौरी प्रधान आरक्षक सेंट्रल कोतवाली, जिला इंदौर को दोषी पाते हुए, धारा 13(1)डी, 13(2) पी.सी.एक्ट 1988 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रूपये का अर्थदंड से दंडित किया गया। प्रकरण में पैरवी विशेष लोक अभियोजक जी.पी. घाटिया द्वारा की गई।

अभियोजन ने बताया कि दिनांक 20 मई 2016 को आवेदक द्वारा पुलिस अधीक्षक विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में एक लिखित शिकायत प्रस्तुत की कि मेरी पत्नी से घरेलू कहासुनी तथा झूमाझटकी में हाथ में चोट लग गई थी, जिसकी शिकायत उसने थाना सेंट्रल कोतवाली इंदौर में की थी जिसकी जांच प्रधान आरक्षक मो. अजीज गौरी द्वारा की जा रही थी।

19 मई 2016 को प्रधान आरक्षक मो. अजीज गौरी मेरे घर आया और 5-6 हजार रिश्वत की मांग कर मामला सुलझाने की बात की तथा 2500 रूपये रिश्वत लेकर मामला निपटाना तय हुआ तथा 500 रूपये उसी वक्त ले लिये। उक्त लिखित आवेदन की जांच पर रिश्वत की मांग की बातचीत को टेप किया गया। आरोपी मो. अजीज को 23 मई 2016 को 1500 रूपये रिश्वत लेते हुए पकडा गया। रिश्वत की राशि 1500 रूपये आरोपी की वर्दी की शर्ट से जप्त हुई एवं अन्य आवश्यक कार्यवाही कर प्रकरण का अभियेाग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

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