रतलाम। नवंबर महीने में 19 तारीख की रात आरपीएफ क्राइम ब्रांच ने एक युवक से करीब सवा दो करोड़ रुपए नकद और एक करोड़ से अधिक के सोना-चांदी जप्त किए थे। कुल मिलाकर करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये का सोना-चांदी और नगदी जप्त किया गया था। जो अब बेहिसाब घोषित कर दी गई है। अब यह जेवरात और नगदी सरकारी खजाने में जमा किए गए हैं।

हाल ही में आयकर विभाग की इंवेस्टिगेशन विंग सोने चांदी और नगदी को बेहिसाबी संपत्ति घोषित किया था। मामले में रतलाम के करीब डेढ़ दर्जन कारोबारी जांच के घेरे में हैं। खास बात यह है कि रतलाम में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में जप्त नगदी और सोना-चांदी को सरकारी खजाने में जमा किया गया है।

जप्त माल 19 नवंबर को आरपीएफ ने रतलाम स्टेशन से एक युवक से बरामद किया था। उसके पास से तीन बोरे में करीब दो करोड़ 29 लाख रुपये नगद और सोना-चांदी बरामद हुआ था। रतलाम से यह पैसा और माल मुंबई भेजा जा रहा था। मामले में आयकर विभाग ने भी जांच की थी। युवक से पूछताछ में आयकर विभाग को रतलाम के कुछ व्यापारियों के नाम भी मिले थे।

कोडवर्ड में थे नाम
वहीं, ये सभी नाम कोडवर्ड में लिखे गए थे। पूछताछ में कोई भी कारोबारी नगदी और सोने-चांदी के बिल या वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सका। जांच के सिलसिले में विभाग की टीम ने सराफा व्यापारी जितेंद्र कोठारी की दुकान और रामगढ़ चौड़ावास स्थित निवास पर भी तलाशी ली थी। जिसमे करीब 17 लाख रुपये और सोना-चांदी जप्त हुआ था। उसे भी सरकारी खजाने में जमा करवा दिया गया है।

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