लखनऊ। उत्तरप्रदेश के सबसे बड़े गूंडे विकास दुबे का खेल खत्म हो गया है। गुरुवार सुबह मध्य प्रदेश के उज्जैन में पकड़े जाने के बाद शुक्रवार सुबह उसे कानपुर लाया जा रहा था। पुसिस की कहानी के मुताबिक, कानपुर देहात से पहले एसटीएफ के काफिले की वह गाड़ी पलट गई, जिसमें विकास दुबे को बैठाया गया था। घायल होने के बाद भी उसने भागने की कोशिश की, दोनों ओर से फायरिंग हुई और विकास दुबे का एनकाउंटर कर दिया गया। हालांकि पुलिस की इस कहानी पर सवाल भी उठ रहे हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है। इसी तरह प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा, अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या? वहीं यहां तक कहा जा रहा है कि यूपी में शुक्रवार रात से 55 घंटे का लॉकडाउन लगाया गया है ताकि एनकाउंटर का विरोध न हो सके।

यह भी कहा जा रहा है कि पुलिस ने पहले से एनकाउंटर की तैयारी कर ली थी। काफिले की एक गाड़ी पीछे लगी मीडिया को भ्रमित करने के लिए पलटाया गया। जो गाड़ी पलटी वह टीयूवी 300 थी, जबकि विकास जिस गाड़ी में था वह टाटा सफारी थी। हालांकि इस पर अभी आधिकारिक बयान नहीं आया है।

समाजवादी पार्टी का ट्वीटरू विकास दुबे के साथ उन सभी सबूतों, साक्ष्यों का भी एनकाउंटर हो गया जिससे अपराधियों, पुलिस और सत्ता में बैठे उसके संरक्षकों का पर्दाफाश होता! विकास के जरिए उन सभी को बचाने की कोशिश की है जो नेक्सेस में उसके मददगार रहे?आखिर उन सत्ताधीशों पर कार्रवाई का क्या जिनका नाम उसने स्वयं लिया? एक अन्य यूजर ने लिखा, विकास भागना तो दूर बहुत पैदल भी नहीं चल सकता था। उसके पांव में स्टील लगा था फिर वह पुलिस का हथियार लेकर कैसे भाग रहा था? यह फर्जी एनकाउंटर है।

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