भोपाल. यूपी के मोस्ट वांटेड अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने पर कांग्रेस नेता और एमपी के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिसका शक था वही हो गया. दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को आशंका जताई थी कि विकास दुबे की हत्या की जा सकती है. जिन राजनीतिक लोगों ने उसे संरक्षण दिया वही उसकी हत्या करवा सकते हैं. दिग्विजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT से मामले की जांच कराने की मांग की थी.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को उज्जैन में गैंगस्टर विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद कहा था कि उसे राजनीतिक संरक्षण देने वाले ही उसकी हत्या करा सकते हैं. इसलिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT से मामले की जांच करायी जानी चाहिए. उन्होंने मांग की थी कि उत्तर प्रदेश पुलिस के हत्यारे गैंगस्टर विकास दुबे को न्यायिक हिरासत में रखा जाए और सुरक्षा भी मुहैया कराई जाए. गैंगस्टर को राजनीतिक संगरक्षण देने वाले ही उसकी हत्या करा सकते हैं.
दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा कि यह पता लगाना आवश्यक है कि विकास दुबे ने मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर को सरेंडर के लिए क्यों चुना? मध्य प्रदेश के कौन से प्रभावशाली व्यक्ति के भरोसे वह यहां उत्तर प्रदेश पुलिस के एनकाउंटर से बचने आया था?
दिग्विजय सिंह ने कहा था कि विकास दुबे उत्तर प्रदेश का सबसे खतरनाक गैंगस्टर है. उसपर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें थाने के अंदर हत्या करना भी शामिल है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि गैंगस्टर को भाजपा नेताओं का राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है. इस वजह से ही उसे जमानत भी मिल गई, लेकिन सजा आज तक नहीं हुई.
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि विकास दुबे की पुलिस और प्रशासन के साथ साठगांठ है. इस वजह से ही वह अब तक बचा हुआ था. दिग्विजय सिंह ने शक ज़ाहिर किया था कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में इतना बड़ा पुलिस हत्याकांड करने के बाद भी वो बच निकलता है. उज्जैन में बिना हथियार के आता है. महाकाल के मंदिर में एक निजी सुरक्षा कंपनी का गार्ड उसे पकड़ता है. फिर गार्ड ही एक पुलिस के सिपाही को सौंप देता है. यह गिरफ्तारी है या सरेंडर.