विदिशा ! मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में बजरंग दल नेता दीपक कुशवाहा की हत्या से रविवार को भड़की हिंसा के बाद लगाए गए कर्फ्यू में मंगलवार को सुबह तीन घंटे और शाम को दो घंटे की ढील दिए जाने से लोगों ने जरूरत के सामान की खरीदारी की। वहीं सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और उपद्रवियों पर नजर रखी जा रही है। ज्ञात हो कि शनिवार की दोपहर को बक्सरिया क्षेत्र में बजरंग दल नेता दीपक कुशवाहा की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद भड़की हिंसा में कई मकान, दुकान व वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने रविवार को कोतवाली थाना क्षेत्र में कर्फ्यू लगा दिया था जो सेामवार को पूरे दिन जारी रहा।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव सिंह ने आईएएनएस को बताया, “हालात में सुधार आने पर मंगलवार को सुबह नौ बजे से 12 बजे और शाम को पांच से सात बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई, ताकि लोग अपनी जरुरत का सामान खरीद सके। कर्फ्यू में ढील के दौरान शांति रही। रात का कर्फ्यू जारी है।”
कर्फ्यू में ढील की अवधि में कोतवाली थाना क्षेत्र की दुकानें खुली रहीं और लोगों ने जरूरत का ज्यादा से ज्यादा सामान खरीदा। शहर में सुरक्षा बलों की तैनाती है, जो गश्त कर रहे हैं।
मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में बजरंग दल नेता दीपक कुशवाहा की हत्या के बाद रविवार को भडक़ी हिंसा पर काबू पाने के लिए कोतवाली थाना क्षेत्र में लगाया गया कर्फ्यू सोमवार को दूसरे दिन भी जारा है। इस दौरान शहर के लोग अपने घरों में दुबकने पर मजबूर हो गए। वहीं सभी क्षेत्रों की सडक़ें, गली मोहल्ले पूरी तरह सुनसान दिखाई दिए। पुलिस ने अब तक हत्या और अशांति फैलाने के मामले में 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। ज्ञात हो कि शनिवार की दोपहर को बक्सरिया क्षेत्र में बजरंग दल के नेता दीपक कुशवाहा की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद भडक़ी हिंसा के दौरान कई मकानों, दुकानों व वाहनों में आग लगा दी गई। हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया, जो सेामवार को भी जारी है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव सिंह ने बताया, स्थिति नियंत्रण में है, सोमवार को भी कर्फ्यू जारी है। हत्या मामले में 12 और अशांति फैलाने के आरोप में अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालात पर काबू पाने के लिए कर्फ्यू वाले कोतवाली थाना क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
ऐसा पहली बार हुआ है कि कफ्र्यू के चलते इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया को भी पाबंदी झेलना पड़ी। बताया गया है कि स्थानीय केबल प्रसारण पर प्रशासन ने बीती रात को ही रोक लगा दी थी। जिसके चलते रविवार को सेटअप बाक्स से जुड़े टेलीविजन बंद रहे। उधर अखबारों के हॉकर्स को पास नहीं जारी किए गए। जिससे रविवार को शहर में अखबार भी नहीं बंट सके। भोपाल से आने वाले अखबार के वाहनों को ईदगाह चौराहे से ही पुलिस ने लौटा दिया।
कफ्र्यू लगने से रोजमर्रा के उपयोग के जरूरी सामान के लिए भी लोग परेशान हो गए। गांव से दूध वाले नहीं आए, उधर भोपाल से आने वाले दूध और फल-सब्जियों के वाहनों को भी शहर में एंट्री नहीं मिली। इसके चलते लोग जरूरी वस्तुओं से महरूम रहे। कुछ लोगों ने हिम्मत करके घर से बाहर निकलकर टोह लेने की कोशिश की, जिन्हें पुलिस के सख्त रवैये के कारण खाली हाथ घर लौटना पड़ा।
कफ्र्यू के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह मुश्तैद रहा। अशांत इलाकों में आरएएफ और मप्र पुलिस के सशस्त्र जवान तैनात रहे। इसके अलावा कलेक्टर और एसपी द्वारा समय-समय पर पूरे क्षेत्र में घूमकर शांति बनाए रखने के निर्देश देते रहे।