
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लगने लगा है कि राकेश श्रीवासतव के सीपीआर रहते कभी उनको इतना मीडिया और विपक्षी दल घेर नहीं पाते थे और घिरने पर राकेश श्रीवास्तव व ओएसडी डॉ. कोमल सिंह आसानी से निकाल भी ले जाते थे। अब प्रदेश के अधिकारी मुख्यमंत्री के आगे पीछे केवल घूमते रहते हैं, लेकिन उन्हें अधिक जानकारी और सही सलाह नहीं देते। मंदसौर की घटना में भी ऐसा ही हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पूरे घटनाक्रम व उसके परिणाम की सही जानकारी नहीं मिल सकी, जिससे मंदसौर की घटना में वह घिर कर रह गए हैं। जनसंपर्क विभाग के अधिकारी भी सही मैनेजमेंट नहीं कर सके है। सोशल मीडिया और वेबसाइट को उपेक्षित करके चल रहे जनसंपर्क विभाग पर सबसे ज्यादा हमला इन्हीं का हो रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी इस मामले में सटीक जबाब नहीं आ पा रहा है। उन्हें केवल चमचों टाइप के नेताओं व अधिकारियों ने ही घेर रखा है, वह सत्यता नहीं देख पा रहे है। जबकि राकेश श्रीवास्तव को मीडिया मैनेजमेंट में महारथ हासिल है। वहीं आज कल उन्हें एक कांग्रेसी नेता के रिश्तेदार अधिकारी ने मंडी में उलझा रखा है। और डॉ. कोमल सिंह अब दुनियां में नहीं रहे हैं।