भोपाल ! प्रदेश कैडर के अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को केन्द्रीय कार्मिक विभाग ने बीते साल की संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए दो माह की और मोहलत दे दी है। इसके साथ ही उन्हें पत्नी की संपत्ति की जानकारी देने से भी छूट दी गई है। केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने सभी राज्यों में आईएएस अधिकारियों द्वारा दी जाने वाले संपत्ति के ब्यौरे में पत्नी की भी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने के निर्देश भी दिए थे। इसे लेकर सभी राज्यों के आईएएस अधिकारियों से उनके सुझाव भी मांगे गए थे। मध्यप्रदेश में आईएएस अधिकारियों ने इस प्रस्ताव को लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े किए थे। हालांकि केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय ने नियमों के प्रस्ताव में संशोधन नहीं किया है।
इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए संसद से भी अनुमति लेना जरूरी है। राज्य सरकार ने संपत्ति का ब्यौरा देने की अवधि जुलाई में बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दी है। इसमें 31 मार्च 2015 की स्थिति में आईएएस अधिकारी को अपनी संपत्ति का ब्यौरा देना है। चूंकि अभी तक इस प्रस्ताव को संसद का अनुमोदन नहीं मिला है। इसलिए डीओपीटी द्वारा आईएएस की पत्नी की संपत्ति का ब्यौरा दिए जाने को लेकर अनिवार्यता से फिलहाल राहत है। प्रस्ताव पर विभिन्न राज्यों से मिले सुझावों और दिक्कतों का प्रस्ताव में समायोजन करने के बाद ही इसे अनिवार्य किया जा सकेगा। अभी तक मध्यप्रदेश के अधिकांश आईएएस अधिकारियों ने अपने परिवार की संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया है।
अधिकारियों को भी आपत्ति: अधिकारियों का कहना था कि पत्नी को विवाह के समय जो स्त्री धन मिलता है उसकी जानकारी पत्नी से जबरिया नहीं ली जा सकती। केवल आईएएस की पत्नी होने के कारण उन्हें संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। इसी तरह कई तरह की आपत्तियां मध्यप्रदेश में आईएएस अधिकारियों की ओर से दी गई थीं।