ग्वालियर। भिण्ड जिले की जनपद पंचायत मेहगांव में वर्ष 2003 में हुई संविदा शिक्षक भर्ती में फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी प्राप्त करने वाले 18 संविदा शिक्षकों तथा जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन यंत्री (सीईओ) डॉं. एएस कुशवाह और जनपद के दो कर्मचारियों को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण योगेश कुमार गुप्ता ने कल शाम को 5-5 साल की कैद एक-एक हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। न्यायालय के आदेश के बाद सभी को भिण्ड जेल भेज दिया गया है।
जिला अभियोजन अधिकारी प्रवीण दीक्षित ने आज यहां बताया कि जनपद पंचायत मेहगांव में वर्ष 2003 में संविदा शिक्षकों की भर्ती की गई थी। भर्ती प्रक्रिया में ऐसे लोगों को चयनित कर लिया गया, जिन्होंने शिक्षक की नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज लगाए थे। ऐसे में वे उम्मीदवार जो नौकरी के लिए पात्र थे उनका चयन नहीं हुआ तो उन्होंने ईओडब्ल्यू (राज्य आर्थिक अपराध अन्बेक्षण ब्यूरो ग्वालियर) में शिकायत की। ईओडब्ल्यू ने पूरे मामले की बारीकी से जांच कर दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन कराया तो नौकरी पाने वाले वाले 18 शिक्षकों की जीवाजी विश्विद्यालय की अंकसूची फर्जी पाई गई। तब भर्ती में फर्जीवाडा उजागर हुआ। और पाया कि आपात्रों को फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी दी गई है। पूरी जांच के बाद ईओडब्ल्यू ने 24 मार्च 2005 को जनपद मेहगांव के प्रभारी सीईओ पशु चिकित्सक एएस कुशवाह, जनपद में अटैच शिक्षक सोखीराम गोयल, सहायक लेखापाल गोपाल सिंह भदौरिया के अलावा 18 शिक्षकों के खिलाफ अपराध दर्ज कर चालान भिण्ड न्यायालय में पेश किया। आरोपियों पर अपराध साबित होने पर जनपद पंचायत मेहगांव के तत्कालीन सीईओ पशु चिकित्सक एएस कुशवाह, सहायक लेखापाल गोपाल सिंह भदौरिया, जनपद के कर्मचारी सोखीराम गोयल सहित फर्जी दस्तावेज लगाकर शिक्षक की नौकरी पाने वाले 17 संविदा शिक्षकों को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण योगेश कुमार गुप्ता ने 5-5 साल की कैद तथा एक-एक हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। फर्जीवाडे में नौकरी पाने वाले एक शिक्षक की मौत हो चुकी है। सजा के बाद 20 को न्यायालय के आदेश पर भिण्ड जेल भेज दिया गया है।
फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी पाने वाले शिक्षक रामबाबू सिंह, श्रीनिवास गौड, विश्वनाथ पाण्डे, मनोज कुमार शर्मा, पियूष झा, राजपाल सिंह, अक्षय कुमार, देवेन्द्र प्रताप सिंह, नरसिंह भदौरिया, रामराज सिंह धाकड, वीरेन्द्र सिंह कौशल, दिलीप सिंह यादव, ओमप्रकाश यादव, सुदेश सिंह यादव, अहिबरन सिंह मौर्य, राजेश कुमार, देवेश गौड, को जेल भेजा गया है जबकि एक शिक्षक अनिल कुमार शर्मा की मौत हो चुकी है।