इंदौर. प्रदेशभर में उपज के सही दाम नहीं मिलने से किसान सड़क पर उतर आए और मंडियां बंद करवा दीं। मालवा-निमाड़ में तो किसान आक्रोशित हो गए। गुरुवार को दूध, सब्जी, अनाज व फल बंद की किसान संघ की घोषणा के साथ अन्नदाताओं का विरोध कई जगह उग्र हो गया। इंदौर में जमकर विरोध हुआ। देर रात तक स्थिति यह हो गई कि पुलिस के साये में दूध बिका और कई जगह 80 रुपए लीटर दाम वसूले गए।उधर, वित्तमंत्री जयंत मलैया ने सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य से कम दाम पर किसान से फसल खरीदने पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की वकालत की। महू, देवास और बडऩगर में भी पुलिस-प्रशासन ने किसानों पर डंडे बरसाए। शुक्रवार सुबह भी 500 से ज्यादा किसानों ने कनाडिय़ां थाने में हंगामा किया।पुलिस ने छोड़े आंसू गस के गोले
गुरूवार दोपहर 12 बजे भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में मां राजराजेश्वरी मंदिर प्रांगण से रैली शुरू हुई। एबी रोड पर जाम लगा दिया। एडीएम मीनाक्षी सिंह, एसपी डॉ. मोनिका शुक्ला, एएसपी ज्योति ठाकुर, एसडीएम राजेशकुमार यादव सहित अधिकारी मौके पर पहुंचे, लेकिन किसान नहीं माने। तीन घंटे तक पुलिस एक्शन नहीं होने पर किसान उग्र हो गए। हाईवे व बस स्टैंड स्थित दुकानें बंद करा दीं।जमकर तोडफ़ोड़ से बस स्टैंड पर अफरा-तफरी मच गई। करीब तीन घंटे बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया। किसानों के पथराव में एसडीओपी देवेंद्रकुमार यादव और कोतवाली टीआई राजेंद्र वर्मा सहित अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर किसानों को शांत कराया।
प्रदेश के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने इंदौर प्रवास के दौरान कहा कि किसान संघ ने आंदोलन को लेकर सरकार से बात नहीं की है। ऐसा कानून बने, जिसमें सरकार द्वारा तय समर्थन मूल्य से कम दाम पर फसल खरीदने वाले पर कार्रवाई हो।सड़कों पर ढोला दूध, फैंकी सब्जियां
सरकार की किसान विरोधी नीतियों के विरोध में किसानों की 10 दिनी हड़ताल के पहले दिन शहर से लेकर गांव तक किसानों ने उग्र तेवर दिखाए। शहर में आ रहे दूध और सब्जी विक्रेताओं से किसानों ने छीन लिए। सैकड़ों लीटर दूध सड़कों पर ढोल दिया और सब्जी के बोरे भी फेंक दिए। गुरुवार अलसुबह से किसानों ने मैदान पकड़कर जिले से मंडी तक कोई उत्पाद नहीं पहुंचने दिए। चोइथराम मंडी में किसानों के एक समूह ने सब्जियों के लेकर आए कुछ किसानों के बोरे छीनकर सड़क पर फेंक दिए।बुधवार की रात से ही यहां बिजलपुर के किसानों ने हंगामा शुरू कर दिया था। लाठी लिए करीब 200 किसानों ने सब्जी, फल लाने वालों पर धावा बोला और तोडफ़ोड़ की। हंगामे की जानकारी मिलने पर मंडी सचिव बीबीएस तोमर, एसडीएम व विधायक जीतू पटवारी भी पहुंचे और चोइथराम सब्जी मंडी किसान कल्याण संघ अध्यक्ष सुंदरलाल माखीजा से चर्चा कर किसानों का साथ देने की बात कही।नहीं बंटा घर-घर दूध
शहर में अधिकांश जगह दूध ही नहीं बंटा। लोग सुबह चाय के लिए तरस गए। जिन डेयरियों पर दूध पहुंच गया था, वहां किसानों ने दूध नहीं बंटने दिया। जनता दूध के लिए इधर-उधर भटकती रही। कुछ लोगों ने स्टोर दूध को महंगे दाम पर बेचा। चाय दुकानों पर महंगा दूध लाकर चाय बनाई गई।80 रुपए लीटर बिका
दूध की कालाबाजारी भी शुरू हो गई। फूटी कोठी चौराहा स्थित गुरुकृपा डेरी पर 80 रुपए लीटर में दूध बेचा जा रहा था। ग्राहक समीर के मुताबिक, देर रात तक इसे खरीदने के लिए लोगों की लंबी लाइन लगी हुई थी। इमली बाजार में किशनलाल दूधवाले के यहां पुलिस के साये में दूध बिका।
अर्थदंड की चेतावनीकिसानों ने सोशल मीडिया पर और बैठक लेकर स्पष्ट किया है कि दूध या सब्जी लेकर मंडी जाने वालों पर 11 से लेकर 21 हजार रुपए तक का अर्थदंड किया जाएगा। कोई भी किसान हड़ताल के खिलाफ काम करता पाया गया तो उसे अर्थदंड भुगतना होगा। सोशल मीडिया का उपयोग कर नाकाबंदी की गई।छुट्टियां मनाने निकले
दूध वितरक हड़ताल को देखते हुए कुछ दिन के लिए देव दर्शन व पिकनिक मनाने निकल गए। दूध का धंधा करने वालों को ऐसे मौके कम मिलते है। उन्होंने कहा, पूरे 365 दिन बंदी की दूध देने की अनिवार्यता के चलते समय ही नहीं मिल पाता था। हड़ताल ने मौका दिया तो लाभ उठा रहे हैं।महंगी बिकी सब्जी
चौराहे पर बिखरी पड़ी सब्जियां खाने के लिए मवेशी तक नजर नहीं आए। दोपहर बाद कुछ गरीब लोग उसमें से अच्छी सब्जी छांटकर ले गए। सब्जी नहीं आने से शहर में खेरची दुकानों पुरानी रखी सब्जियां बिकती रहीं। दुकानदारों ने फायदा उठाते हुए पर सब्जी और फल ऊंचे भाव में बेचे।सभी मंडियां बंद
किसानों की उग्र हड़ताल के चलते किसी भी मंडी मेंं किसान अनाज लेकर नहीं पहुंचे। सभी मंडी बंद रहीं और नीलामी नहीं हुई। किसानों ने वाहन रैली निकालकर सभी अनाज मंडियों में विरोध भी जताया। व्यापारियों ने भी माहौल देखते हुए मंडियों का रुख नहीं किया। शुक्रवार को बैठक करेंगे।