ग्वालियर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड जिले के लहार विकास खण्ड के रावतपुरा धाम में राष्ट्रीय संत और भारत के मानस मर्मज्ञ श्री मुरारीबापू ने आज संगीतमय रामकथा की शुरूआत आईये हनुमान जी महाराज, पधारिये पवन कुमार भजन गाते हुए की। उन्होंने कहा कि केवल, और केवल हनुमान जी की कृपा से इस पावन धरती रावतपुरा धाम में राम कथा का नौ दिनों का आयोजन है सबसे पहले में रावतपुरा सरकार हनुमान जी के चरणों में प्रणाम करता हूं और गुरूदेव श्री रविशंकर जी को भी प्रणाम करता हूं। गुरूदेव श्री रविशंकर जी ने बताया कि रावतपुरा सरकार हनुमान जी का मंदिर पांच सौ साल पुराना है कल जब मैं यहां आया था तो सबसे पहले मैंने रावतपुरा सरकार हनुमान जी के दर्शन किये मुझे बहुत अच्छा लगा उन्होंने कहा इस कथा में उपस्थित सभी पूज्य संतों, महात्माओं के चरणों में मेरा प्रणाम इस कथा में कोई यजमान नहीं है। हनुमान जी ही यहां यजमान हैं और श्रोता भी है विज्ञान के सदपयोग के कारण इस कथा को 170 देश में सजीव रामकथा का प्रसारण हो रहा है। इस अवसर पर मुख्य रूप से उत्तरप्रदेश के विधायक राजीव सिंह जी उपस्थित थे।

इससे पहले आज अनन्त विभूषित पूज्य महाराज श्री रविशंकर जी (रावतपुरा सरकार) कर्मयोगेष्वर ने राष्ट्रसंत श्री मुरारी बापू की कुटिया से पोथी लेकर गोविन्दा मण्डपम में पहुंचे और श्री पोथी को विराजमान किया। इस अवसर पर उनके साथ महामण्डलेश्वर धर्मदेव जी महाराज (वृन्दावन) भी साथ थे। संत श्री मुरारी बापू के आगमन पर पूज्य महाराज श्री रविशंकर महाराज जी ने उनकी अगवानी की। इस अवसर पर उपस्थित वेद पढ रहे शिक्षार्थियों ने तुरही एवं शंख बजाकर संत श्री मुरारी बापू का स्वागत किया।

संत श्री मुरारी बापू ने कहा रावतपुरा सरकार हनुमान जी के चरणों में नौ दिनों तक हनुमान जी को केन्द्र में रखते हुए उनके गुण गाऊंगा। यह इस कथा का केन्द्र विचार है हम यहां मानस पावन तनैय करेंगे हनुमान जी के नाम कई है हनुमान जी सतनाम है, हनुमान जी, पवनपुत्र, मारूति, मारूतिपुत्र, पवनतनय ऐसे कई नाम हैं। इस कथा के केन्द्र में हनुमान जी रहेंगे। संत श्री तुलसीदास ने रामचरित मानस में साहस किया कलम उठाई और लिखा अतुलित बलधामा। जैसे रामचरित मानस में एक पक्ति है हरी कथा अनमोल हनुमान जी की कथा भी अनन्त है। हनुमान जी का चरित्र एक अद्भुत चरित्र, अवदूत चरित्र, अलौकिक चरित्र और एक अनुभूति देने वाला चरित्र है। किषकिन्धा काण्ड के समापन में जब गरूण जी ने एक बात बताई कि माता सीता लंका में बंदी बनाई गई हैं। यह कहकर गरूण जी स्वर्गलोक को सुधार गए। अंगद, जामवन्त की बात चल रही है हनुमान जी शांत बैठे है कि सठयोजन सागर पार कौन करेगा? अंगद जी कहते है मैं जा तो सकता हूं वापस नहीं लौट सकता। जामवन्त जी कहते है कि मैं वृद्ध हूं। उसी समय जामवन्त हनुमान जी को जगाते हुए कहते है कि आप पवन तनय हैं आपका पौरूष पवन की तरह है वह हनुमान जी को स्मरण कराते है कि आपका जन्म रामकार्य के लिए हुआ है जो लक्ष्य मिला है उसे प्राप्त करना है रामचरित मानस में बारह कसौटी है कसौटी को हम अग्नि परीक्षा कहते हैं जब कसौटी आये तो हनुमन्त तनय उसके बारे में रास्ता बताता है जब तक मॉ जानकी की अग्नि कसौटी नहीं हुई तब तक रामराज नहीं आया। रामायण में पांच कसौटी हैं सती कसौटी, जानकी परीक्षा, किषोरी जी की कसौटी, भरत जी की कसौटी एवं कागभूषढ महाराज की परीक्षा इन कसौटियों और समस्याओं को समाप्त करने के लिए उनके बीच में उतरना पड़ता है अग्नि में मॉ जानकी चलकर गई आग को शीतल समझा तब रामराज आया मैने रामचरित मानस की कथा की कृपा से पूरी दुनिया देखी है। अब केवल स्वर्ग रह गया है स्वर्ग जाना है परन्तु मुझे नहीं जाना इन्द्र कहेगा कि मैने उसके यहां कथा नहीं की।

संत श्री मुरारी बापू ने कहा कि रामचरित मानस समस्त समस्याओं का समाधान है। कसौटी की समस्याओं से भागे नहीं बल्कि उनका सामना करें। कोई भी फल कर्म से मिलता है। संतो के साथ स्पर्धा को खत्म करती है, कामनाऐं खत्म करती है उसके बाद जो दिखती है वह है श्रद्धा। कसौटी की कृपा के बाद रामराज्य और प्रेमराज्य आता है। अग्नि भी कसौटी, पवन भी कसौटी, धरती भी कसौटी, आसमान भी कसौटी है, जल भी कसौटी है। सब समस्याओं का समाधान रामचरित मानस और भागवत गीता है।

संत श्री मुरारी बापू ने कहा कि रामचरित मानस का आरम्भ संशय से है मध्य समाधान है और अंत शरणागति और भागवत गीता में भी यही क्रम है रामचरित मानस समाधान देता है। उन्होंने उदाहारण देते हुए कहा कि पत्नी ने अपने पति से कहा कि पेड पर चढ जाओ पति बोला मैं पेड पर चढना नहीं जानता पत्नी ने कहा कि आप तो इंसान है बंदर भी पेड पर चढ जाता है। पति ने दिल बडा किया पन्द्रह दिन अभ्यास किया और फिर बताया पेड पर चढना, पत्नी बोली ये कौन सी बडी बात है बंदर भी पेड पर चढ जाता है ये जगत समस्याओं का जंगल है रामचरित मानस समस्याओं का समाधान है हनुमान जी का चरित्र जीवन जीने की कला सिखाता है पवन तनय को केन्द्र में रखते हुए हम हनुमान जी के चरित्र के परिक्रमा करेंगे।

संत श्री मुरारी बापू ने कहा कि रामचरित मानस में पांच चरित्रों का ग्रंथ है रामचरित, सीता चरित, हनुमान चरित, भरत चरित, बाबा बुष्टि चरित्र। रामचरित मानस पंचा चरित्र अमृत है रामकथा दिव्य कथा, सिद्धकथा है हम इनका नौ दिनों तक गुणगान करेंगे।

संत श्री मुरारी बापू ने कहा कि यह क्षेत्र दस्यु पीडित क्षेत्र था यह मुझे जानकारी मिली। लेकिन जब से संत श्री रविशकर जी महाराज यहां पधारे यह क्षेत्र शांत क्षेत्र हुआ यह सिद्ध करता है कि जहां साधू बैठ जाता है माहौल बदल जाता है।
संत श्री मुरारी बापू ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने मेरे स्टाफ से पूछा कि मेरी कौन से कैडर की सुरक्षा है हमने कहा हम सबकी सुरक्षा हनुमान जी करते हैं अगर आपको सुरक्षा करनी है तो भक्तगणों और श्रद्धालुआंे की करें इस पर उन्होंने हनुमान चालीसा की पंक्तियों को बोलते हुए कहा कि तुम रक्षक काहू को डरना आपन तेज सम्हारो आपौ, तीनों लोक हांक से कांपें महावीर जब नाम सुनावे।
इससे पहले संत श्री रविशकर जी महाराज एवं महामण्डलेष्वर धर्मदेव जी वृन्दावन ने दीप प्रज्जवलित किया। कथा का संचालन पंडित रमाकान्त व्यास ने किया। व्यास जी ने कहा 1990 में महाराज जी का यहां आगमन हुआ क्षेत्र में विकास की गंगा बही। राष्ट्रसंत मुरारी बापू की कथा जीवन बदलती है जीवन जीने की कला बापू की कथा से मिलती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *