भोपाल।  मध्यप्रदेश की 28 सीटों पर उपचुनाव के लिए भाजपा-कांग्रेस रणनीतियां बनी रही हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने के लिए कांग्रेस एक बड़ा दांव खेलने की तैयारी कर रही है। दरअसल, कांग्रेस उपचुनाव के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ उनके करीबी दोस्त सचिन पायलट को मैदान में उतरने की योजना बना रही है। कांग्रेस उपचुनाव में सचिन पायलट को स्टार प्रचारक बनाने की योजना बना रही है। बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट अच्छे दोस्त हैं। हाल ही में राजस्थान में मचे सियासी घटनाक्रम के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सचिन पायलट का खुला समर्थन किया था।


कांग्रेस ज्योतिरादित्य सिंधिया को घेरने के लिए सचिन पायलट को मैदान में उतारने की योजना बना रही है. कांग्रेस ने इसके लिए बहुस्तरीय रणनीति बनाई है। पायलट अब पार्टी में लौट आए हैं और पहले की तरह ही उन्हें सक्रिय हैं। ऐसे में कांग्रेस पायलट को ग्वालियर-चंबल में प्रचार के लिए उतारा चाहती है। ग्वालिय-चंबल की 16 सीटों पर उपचुनाव होना है और ये क्षेत्र राजस्थान की सीमा से सटा हुआ है।


ग्वालियर-चंबल ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ है। यहां बड़ी संख्या में गुर्जर वोटर हैं। सचिन पायलट को मैदान में उतार कर कांग्रेस गुर्जर वोटरों को लुभाने की कोशिश में है। नवंबर 2015 में, कांग्रेस ने मालवा-निमाड़ में रतलाम लोकसभा चुनाव जीता था, जहां पायलट ने बड़े पैमाने पर प्रचार किया था। कांतिलाल भूरिया ने जीत के बाद सचिन पायलट को एक धन्यवाद नोट भी भेजा था।


मुरैना विधानसभा सीट में गुर्जर वोटों की संख्या 60 हजार के करीब है। सुमावली में 45 हजार, जौरा में 18 हजार, दिमनी में 17 हजार, अंबाह में 9 हजार, मेहगांव में 27 हजार, गोहद में 23 हजार, ग्वालियर पूर्व में 10 हजार, डबरा में 10 हजार, ग्वालियर में 5 हजार, भांडेर में 10 हजार, बाम्होरी में 5 हजार, मुंगावली में 5 हजार और अशोकनगर विधानसभा सीट में 2 हजार गुर्जर वोटर हैं।


मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की नजर गुर्जर वोट पर हैं। मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल में गुर्जर वोटों की संख्या 14 विधानसभा सीटों को प्रभावित करती है।

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