भोपाल। मप्र सरकार राज्य के 51 कॉलेज समाप्त होंगे। उक्त कालेजों में 100 से कम विद्यार्थी हैं। उनको अध्ययन कराने में शासन को प्रोफेसर और स्टाफ को मासिक लाखों रुपए का खर्च वहन करना पड़ रहा है। 497  सरकारी कॉलेजों के वर्तमान सत्र 2020-21 में यूजी-पीजी में चार लाख प्रवेश हुए हैं। इसके बाद भी सूबे के 51 कॉलेजों में 100 से कम प्रवेश हुए हैं।

ऐसे कालेजों को समाप्त कर उनमें प्रवेशित करीब 5000 विद्यार्थियों को नजदीक के बडे कालेज या दो छोटे-छोटे कालेज का युक्तियुक्तकरण एक किया जाएगा। इससे राज्य के 51 कालेजों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। उक्त कालेज में पदस्थ प्रोफेसर सहित अन्य स्टाफ को दूसरे कालेजों के रिक्त पदों के तहत पदस्थ किया जाएगा। प्रदेश में करीब आधा दर्जन कॉलेज ऐसे हैं, जिनमें दो दर्जन विद्यार्थी भी नहीं हैं। 

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