नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी और IRPS अधिकारी अंजलि बिरला को सोशल मीडिया पर लगे झूठे आरोपों के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनके खिलाफ फैलाई गई अपमानजनक और भ्रामक पोस्ट्स को स्थायी रूप से हटाने का आदेश दिया है।
क्या था मामला?
कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर यह झूठा दावा किया गया था कि अंजलि बिरला ने UPSC परीक्षा में अपने पिता के प्रभाव का इस्तेमाल करके पहले ही प्रयास में सफलता हासिल की थी। इन पोस्ट्स में भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के भी आरोप लगाए गए थे। इन आरोपों से परेशान होकर अंजलि ने X (पहले ट्विटर), Google और कई अनजान सोशल मीडिया यूज़र्स के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था।
कोर्ट में क्या हुआ?
पिछले साल जुलाई में कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए कहा था कि सभी आपत्तिजनक पोस्ट्स हटाई जाएं। अब कोर्ट को बताया गया कि 16 में से 12 पोस्ट्स हटा दी गईं, जबकि 4 पोस्ट्स को X ने ब्लॉक कर दिया है। इसके बाद कोर्ट ने बचे हुए सभी पोस्ट्स को स्थायी रूप से हटाने का आदेश दिया और केस को खत्म कर दिया। कोर्ट ने कहा कि अगर भविष्य में फिर ऐसी कोई पोस्ट सामने आती है, तो X को उसे तुरंत हटाना होगा।
कोर्ट का रुख
दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रतिष्ठा की रक्षा को प्राथमिकता दी और किसी भी तरह के हर्जाने या कोर्ट फीस की वापसी की मांग खारिज कर दी।
साइबर सेल की कार्रवाई
अंजलि की शिकायत के बाद महाराष्ट्र साइबर सेल ने भी कार्रवाई की है। उन्होंने “Dhruv Rathee (Parody)” नामक एक ट्विटर अकाउंट और कुछ अज्ञात खातों पर FIR दर्ज की है। इनके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराएं और आईटी एक्ट की धारा 66(C) के तहत मामला दर्ज किया गया है।