ग्वालियर। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित संदीप अग्रवाल हत्याकांड के मास्टरमाइंड रोहित सेठी को ग्वालियर के पुलिसकर्मियों ने मसूरी के होटल में अय्याशी कराई। पुलिसकर्मी उसे पेशी पर लक्जरी कार से देहरादून तक ले गए। यहां पेशी के बाद मसूरी और ऋषिकेश पहुंच गए। मसूरी के होटल में उसके लिए एक कमरा भी बुक करा दिया, जिसमें उसे उसकी गर्लफ्रेंड आस्मा के साथ रुकवाया। होटल में जब पुलिसकर्मियों का स्टाफ से झगडा हो गया और मसूरी पुलिस ने इन्हें पकड लिया तो आरआई देवेंद्र यादव ने इन्हें बचाया। इसकी जानकारी पुलिस अधिकारियों तक को नहीं दी। जब यह राज खुला तो आरआई देवेंद्र यादव, हवलदार र्त्यंबक राव, सिपाही जितेन्द्र, अनिल, संजय, एडबिन, अमित को पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने निलंबित कर दिया।
मध्यप्रदेश के इंदौर के केबल कारोबारी संदीप अग्रवाल की हत्या बीच सडक पर गोलियां मारकर 16 जनवरी 2019 को विजय नगर थाने के पास कर दी गई थी। इंदौर पुलिस ने इसमें गैंगस्टर सुधाकर राव मराठा और उसके साथियों को गिरफ्तार किया था। गैंगस्टर सुधाकर राव ने खुलासा किया था कि उसे संदीप की हत्या की सुपारी संदीप के ही पार्टनर रोहित सेठी ने दी थी। रोहित का केबल कारोबार को लेकर संदीप से 19 करोड का लेनदेन था। इसी के चलते उसने संदीप की हत्या कराई थी। इंदौर पुलिस ने उसे देहरादून से गिरफ्तार किया था। जून में रोहित सेठी को इंदौर से ग्वालियर जेल शिफ्ट किया गया। इसके बाद ग्वालियर के पुलिसकर्मी उसे देहरादून पेशी पर ले जाते थे। सुरक्षा को ताक पर रखकर उसे निजी वाहन से इंदौर ले गए। उसे निजी होटल में रुकवाकर अय्याशी कराई। इसके एवज में रोहित ने पुलिसकर्मियों को आलीशान होटल में रुकने से लेकर शराब और रुपए तक का इंतजाम कराया।
16 जून को हवलदार र्त्यंबकराव, सिपाही एडविन, संजय, अमित की ड्यूटी रोहित को देहरादून पेशी पर ले जाने के लिए लगी थी। रोजनामचे में इनकी रवानगी अंकित हो गई। वारंट भी बन गया। इसके अनुसार इन्हें ट्रेन से जाना था, लेकिन यह लोग ट्रेन से न जाकर रोहित के खर्चे पर कार एमपी07 सीएफ 4020 से देहरादून ले गए। इनमें से सिपाही अमित पेशी पर गया ही नहीं। पेशी के बाद ग्वालियर न लाकर मसूरी के होटल चिमनी हाउस के रूम नंबर ए2,बी2 में रुके।
रोहित की गर्लफ्रेंड आस्मा को भी होटल में रुकवाया। 18 को वापस आते समय होटल के स्टाफ से झगडा हुआ। होटल स्टाफ को फर्जी पुलिस होने का शक हुआ तो पुलिस से शिकायत की। इनकी गाडी चेकपोस्ट पर एसआई महावीर सिंह ने रोकी। पुलिसकर्मियों ने आरआई देवेंद्र यादव से एसआई की बात कराई। इसके बाद यह गाडी छोड दी गई। इस हरकत को आरआई ने वरिष्ठ अधिकारियों से छिपाया। 8 जुलाई को फिर से हवलदार र्त्यंबकराव, सिपाही संजय, जितेन्द्र रोहित को पेशी पर ले गए। फिर से निजी गाडी से ले गए।
देहरादून के एसआई महावीर सिंह ने रोहित सेठी को पेशी पर लेकर गए जवानों के पुलिस लाइन में पदस्थ होने की पुष्टि करने के बाद पूरे घटनाक्रम से आरआई को अवगत कराया था लेकिन आरआई इस जानकारी को वरिष्ठ अधिकारियों को बताने की बजाए दबा गए। यह मामला सामने आने पर एसपी ने डीएसपी लाइन को जांच सौंपी। जांच में रोहित सेठी को पेशी पर ले जाने वाले जवानों को मोबाइल लोकेशन निकाली गई। इसके साथ ही आरआई के मोबाइल की सीडीआर भी निकाली गई। इसके बाद जवानों के बयान लिए गए।
जब यह हकीकत खुल गई तो जेल में रोहित की पिटाई लगाई गई। इसके बाद उसे गुना जेल में शिफ्ट कर दिया गया। उसके लिए गाडी और अन्य इंतजाम कराने में रोहित के कुछ खास लोग और ग्वालियर के लोकल लोगों का भी नाम सामने आया है।