ग्वालियर । जिले के उन सभी सरकारी एवं गैर सरकारी अस्पतालों में गुड्डा-गुड़िया बोर्ड प्रदर्शित करें, जहाँ प्रसूति की सुविधा उपलब्ध है। इस बोर्ड पर यह प्रदर्शित करायें कि अस्पताल में कितने बेटे व बेटियों ने जन्म लिया। इस आधार पर यह पता लगाया जायेगा कि किस अस्पताल में बच्चों के जन्म पर शिशु लिंगानुपात की क्या स्थिति रही। यह निर्देश कलेक्टर राहुल जैन ने पीसी-पीएनडीटी एक्ट (गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीकी अधिनियम) की जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन को दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी गुड्डा-गुडिया बोर्ड लगाने को कहा।
गुरूवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर जैन ने पीसी-पीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर देते हुए कहा कि हर पंजीकृत अल्ट्रासाउण्ड सेंटर से अनिवार्यत: ऑनलाईन फॉर्म-एफ प्राप्त करें। साथ ही फॉर्म-एफ की हार्डकॉपी भी मंगाई जाए। उन्होंने कहा फॉर्म-एफ की जांच कर यह भी पता लगायें कि अल्ट्रासाउण्ड सेंटर पर सोनोग्राफी कराने आईं ऐसी कितनी गर्भवती मातायें थीं, जिनके पहले से ही एक या दो बेटियाँ हैं। अल्ट्रासोनोग्राफी के बाद जन्म लेने वाले बच्चे की स्थिति पता लगाने को भी उन्होंने कहा। जैन ने अल्ट्रासाउण्ड सेंटर की कड़ी निगरानी पर भी बल दिया। बैठक में बताया गया कि फॉर्म-एफ के निरीक्षण के लिये जिले में 34 दल गठित किए गए हैं। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस एस जादौन, सिविल सर्जन डॉ. व्ही के गुप्ता, जिला सलाहकार समिति की सदस्य डॉ. अमृता मेहरोत्रा, श्रीमती मधु भारद्वाज, डॉ. व्ही के कुंदवानी व डॉ. पंकज यादव तथा जिला अभियोजन अधिकारी सहित समिति के अन्य सदस्यगण मौजूद थे।

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