ऋषिकेश। यूपी के हाथरस में 19 साल की दलित युवती के गैंगरेप और मर्डर को लेकर देशभर में आक्रोश है। प्रशासन ने पहले तो परिजनों की मर्जी के खिलाफ पीड़िता की आनन-फानन में रात में ही अंत्येष्टि कर दी और अब एसआईटी जांच के नाम पर पूरे गांव को किले में तब्दील कर दिया है। वहां न मीडिया को जाने दिया जा रहा है और न ही नेताओं को। इन सबको लेकर अब बीजेपी के अपने ही योगी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। बीजेपी की वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और मौजूदा केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने पुलिस की ‘संदेहपूर्ण कार्रवाई’ पर सवाल उठाए हैं।

कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद एम्स ऋषिकेश में भर्ती उमा भारती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा है कि ऐसा कोई भी नियम नहीं है कि एसआईटी जांच में परिवार किसी से मिल न सके। उन्होंने लिखा कि इससे तो एसआईटी जांच ही शक के दायर में आ जाएगी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह कोरोना वॉर्ड में बहुत बेचैन हैं और ठीक होते ही हाथरस पहुंचेंगी और पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगी।

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित करते हुए उमा भारती ने ट्वीट किया, ‘योगी आदित्यनाथ जी, आपको जानकारी होगी ही कि मैं कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से AIIMS ऋषिकेश में कोरोना वॉर्ड में भर्ती हूं। आज मेरा 7वां दिन है और इसलिए मैं अयोध्या मामले पर विशेष सीबीआइ कोर्ट में पेश भी नहीं हो पाई। यद्यपि मैं किसी से मिल नही सकती, फोन नहीं कर सकती लेकिन टीवी है जिससे की समाचार मिलते हैं।’

उमा भारती ने आगे लिखा, ‘मैंने हाथरस की घटना के बारे में देखा। पहले तो मुझे लगा कि मैं ना बोलूं क्योंकि आप इस सम्बंध में ठीक ही कार्यवाही कर रहे होंगे। किन्तु जिस प्रकार से पुलिस ने गांव की एवं पीड़ित परिवार की घेराबंदी की है उसके कितने भी तर्क हो लेकिन इससे विभिन्न आशंकाए जन्मती हैं। वह एक दलित परिवार की बिटिया थी। बड़ी जल्दबाजी में पुलिस ने उसकी अंत्येष्टि की और अब परिवार एवं गांव की पुलिस के द्वारा घेराबंदी कर दी गई है।’

पीड़िता के घर और गांव तक नेताओं और मीडिया को नहीं जाने देने पर उमा ने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है। उन्होंने लिखा, ‘मेरी जानकारी में ऐसा कोई नियम नही है कि एसआइटी जांच में परिवार किसी से मिल भी ना पाए। इससे तो एसाईटी की जांच ही संदेह के दायरे में आ जाएगी।’

बीजेपी नेता ने योगी आदित्यनाथ को चेताते हुए कहा कि पुलिस की संदेह भरी कार्रवाई से उनकी और पार्टी की छवि पर आंच आई है। उन्होंने लिखा, ‘हमने अभी राम मंदिर का शिलान्यास किया है तथा आगे देश में रामराज्य लाने का दावा किया है किन्तु इस घटना पर पुलिस की संदेहपूर्ण कार्यवाही से आपकी सरकार की तथा बीजेपी की छवि पे आंच आई है। आप एक बहुत ही साफ-सुथरी छवि के शासक हैं। मेरा आपसे अनुरोध है कि आप मीडियाकर्मियों को एवं अन्य राजनीतिक दलो के लोगों को पीड़ित परिवार से मिलने दीजिए।’

उमा भारती ने साथ ही ऐलान किया कि ठीक होने के बाद वह हाथरस में पीड़ित परिवार से जरूर मुलाकात करेंगी। उन्होंने लिखा, ‘मैं कोरोना वॉर्ड में बहुत बेचैन हूं। अगर मैं कोरोना पॉजिटिव ना होती तो मैं भी उस गांव में उस परिवार के साथ बैठी होती। AIIMS ऋषिकेश से छुट्टी होने पर मैं हाथरस में उस पीड़ित परिवार से जरूर मिलूंगी।’ उन्होंने खुद के वरिष्ठ होने और बड़ी बहन होने का हवाला देते हुए योगी आदित्यनाथ से अपने सुझावों को अमान्य न करने की भी गुजारिश की।

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