ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर में आज फिर महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की पूजा अर्चना की गई और नाथूराम गोडसे के गुणगान गाते हुए आज उसका बलिदान दिवस मनाया गया। इस बलिदान दिवस के माध्यम से युवक हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने बाकायदा गोडसे के चित्र के सामने आरती और पूजा की साथ ही उसे देश की शहादत का प्रतीक बताया इतना ही नहीं युवक हिंदू महासभा ने इस मौके पर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को एक ज्ञापन भी सौंपा.. जिसमें नाथूराम गोडसे को उसकी महत्ता बताते हुए पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग भी की है।
ग्वालियर के दौलतगंज में स्थित हिंदू महासभा के कार्यालय पर युवक हिंदू महासभा की ओर से जिला प्रशासन के अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपने के साथ-साथ एक कार्यक्रम का आयोजन देश की आजादी में योगदान हुतात्मा नाथूराम गोडसे ने भी दिया है। और गोडसे एक स्वतंत्र सेनानी साथ सच्चे राष्ट्रभक्त के रूप में माना गया। ज्ञापन देने वालों ने प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन पढ़ कर सुनाया ।
हिन्दू महासभा के नेताओं का तर्क है कि देश के विभाजन पर लाखों हिंदुओं माता बहनों नवजात शिशु, नाबालिक लड़के लड़कियों की हत्याएं खुली ट्रेन में उनके शवों को देखकर नाथूराम गोडसे ने देश का विभाजन करने वाले मोहनदास करमचंद गांधी जी का वध किया था । गॉडसे की महिमा को महिमामंडित करते हुए कहा गया कि अदालती बयान पर 50 वर्षों से अधिक समय तक केंद्र सरकार ने बयान के प्रकाशन पर प्रतिबंध लगाकर रखा .और गॉडसे के अंतिम अदालती बयान को स्कूली पाठ्यक्रम में जोड़ने की मांग भी की गई । इससे देश की युवा पीढ़ी हकीकत को जानकर राष्ट्र हित में निर्णय ले सकें ..
.गोडसे समर्थकों का कहना है कि.गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या करके अच्छा किया था या बुरा जनता को तय करने दो… ज्ञापन के अन्य बिंदुओं में लिखा गया है कि बाल दिवस को बाल शहीद दिवस के रूप में भारत में गुरु गोविंद सिंह के दो बेटों के बलिदान या हकीकत राय के बलिदान दिवस पर मनाया जाए। गौरतलब है कि नाथूराम गोडसे की जिला प्रशासन द्वारा की गई मूर्ति भी दिलाए जाने की मांग की गई है.. ज्ञापन में यह भी कहा गया कि जेएनयू में स्वामी विवेकानंद प्रतिमा का अपमान एवं भगवा जलाने की बात करने वालों को शीघ्र गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए ..इस तरह हिंदू महासभा ने गोडसे का बलिदान दिवस मना कर एक बार फिर से ग्वालियर के दौलतगंज में स्थित मंदिर और कार्यालय स्थल पर महिमा का बखान कर एक नए विवाद को फिर से जिंदा कर दिया है।