इन दिनों एटीएम से अचानक 100 और 200 रुपये के नोटों की संख्या बढ़ने लगी है जो आम लोगों से लेकर विशेषज्ञों तक के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इसके साथ ही लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या 500 रुपये के नोट बंद होने वाले है। आइए जानते है इस खबर को विस्तार से…

अचानक क्यों बढ़ गए 100 और 200 रुपये के नोट ?

आपको बता दें कि कुछ समय पहले तक ज़्यादातर एटीएम से 500 रुपये के नोट ही निकलते थे, लेकिन अब 100 और 200 रुपये के नोट बड़ी संख्या में निकलने लगे हैं। दरअसल, रिजर्व बैंक (RBI) ने अप्रैल 2025 में एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें सभी बैंकों को निर्देश दिया गया कि वे अपने ATM में छोटे नोटों की उपलब्धता बढ़ाएं।

RBI का प्लान क्या है?

दरअसल, RBI का मानना है कि ग्रामीण और कस्बाई इलाकों में लोग अब भी कैश का ज़्यादा इस्तेमाल करते हैं। खासकर छोटे लेन-देन के लिए छोटे नोट ज़रूरी होते हैं। इसी वजह से सभी बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे 30 सितंबर 2025 तक अपने कम से कम 75% एटीएम में 100 और 200 रुपये के नोट जरूर रखें। लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक 90% एटीएम में छोटी करेंसी मौजूद हो। इसका उद्देश्य दैनिक खर्च के लिए नकदी उपलब्ध कराना है।

क्या 500 रुपये के नोट बंद हो सकते हैं?

हालांकि, अभी तक RBI ने 500 रुपये के नोट बंद करने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन कुछ राजनीतिज्ञों और विशेषज्ञों ने इसकी सिफारिश जरूर की है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग और नकली नोटों से निपटने के लिए 500 रुपये की बड़ी करेंसी को बंद कर देना चाहिए। छोटे नोटों की आपूर्ति बढ़ने और बड़े नोटों को धीरे-धीरे पीछे करने की नीति से ऐसा आभास ज़रूर हो रहा है कि सरकार इस दिशा में सोच रही है।

ATM चार्ज में भी हुआ बदलाव

जहां एक ओर RBI छोटे नोटों को बढ़ावा दे रहा है, वहीं दूसरी ओर ATM ट्रांजेक्शन फीस भी बढ़ा दी गई है। अब दूसरे बैंक के ATM से महीने में सिर्फ 3 बार फ्री कैश निकासी की सुविधा है। इसके बाद हर बार पैसे निकालने पर 19 रुपये (पहले 17 रुपये) और बैलेंस चेक करने पर 7 रुपये (पहले 6 रुपये) का चार्ज देना होगा। इससे यह भी अंदेशा है कि कैश लेनदेन को सीमित करने और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने कीनीति पर काम किया जा रहा है।

आम आदमी के लिए क्या है मतलब ?

अब छोटे लेन-देन करना आसान हो जाएगा, खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों में। लेकिन बार-बार ATM से पैसे निकालने पर खर्च बढ़ेगा। जो लोग नकद में ही ज़्यादा लेन-देन करते हैं, उन्हें अब छोटी करेंसी ज़्यादा आसानी से उपलब्ध होगी। फिलहाल 500 रुपये के नोट बंद होने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन हाल की गतिविधियों से ऐसा लगता है कि सरकार धीरे-धीरे छोटे नोटों की ओर झुकाव बढ़ा रही है। इसका उद्देश्य एक तरफ कैश फ्लो को संतुलित रखना, और दूसरी ओर नकली नोटों पर लगाम लगाना और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना हो सकता है।