ग्वालियर।लोगों को सस्ता, सुलभ एवं त्वरित न्याय मुहैया कराने के लिये 15 दिसम्बर को प्रदेश में जिला मुख्यालय सहित समस्त तहसील मुख्यालयों पर मेगा लोक अदालत आयोजित होगी। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के आदेशानुसार आयोजित होने जा रही मेगा लोक अदालत की वृहद स्तर पर तैयारियाँ जारी हैं। इस बार की मेगा लोक अदालत में भी गत वर्ष की भाँति लाखों प्रकरणों का निपटारा आपसी सुलह और समझौते के आधार पर किया जायेगा।
इस सिलसिले में राज्य उच्च न्यायालय जबलपुर के प्रशासनिक न्यायाधिपति एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष श्री के के लाहौटी ने रविवार को ग्वालियर में न्यायिक एवं प्रशासनिक अधिकारियों की पृथक-पृथक बैठक लेकर मेगा लोक अदालत की तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही लोक अदालत में अधिकाधिक प्रकरण निराकृत कराने के लिये आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। यहाँ उच्च न्यायालय खण्डपीठ के कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित हुई इन बैठकों में उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री एस के गंगेले ने भी मेगा लोक अदालत के सुव्यवस्थित आयोजन के संबंध में उपयोगी निर्देश दिए।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री के के लाहौटी ने कहा कि लोक अदालत में लोगों को त्वरित न्याय तो मिलता ही है, साथ ही यह अदालतें समाज में सकारात्मक संदेश पहुँचाती हैं। उन्होंने कहा सभी न्यायाधीशगण ऐसे प्रयास करें जिससे अधिकाधिक लंबित प्रकरणों का निराकरण मेगा लोक अदालत के माध्यम से हो जाए। श्री लाहौटी ने कहा कि सभी तरह के ऐसे प्रकरणों की मेगा लोक अदालत में सुनवाई कराएँ, जिनका निराकरण आपसी सुलह और समझौते के आधार पर हो सकता है। न्यायाधिपति श्री लाहौटी ने रविवार को प्रथम चरण में हुई बैठक में ग्वालियर सहित भिण्ड, मुरैना, श्योपुर, दतिया, छतरपुर, टीकमगढ़ आदि जिलों के जिला न्यायाधीशगण, परिवार न्यायालय व कंज्यूमर फोरम के न्यायाधीशों, लेवरकोर्ट, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आदि न्यायिक अधिकारियों से जिलेवार चर्चा कर मेगा लोक अदालत की तैयारियों की समीक्षा की। साथ ही जिलेवार मेगा लोक अदालत में सुनवाई के लिये रखे जा रहे संभावित प्रकरणों की जानकारी भी ली।
उच्च न्यायालय खण्डपीठ ग्वालियर के प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री एस के गंगेले ने कहा कि लोक अदालत में लोगों को त्वरित न्याय मिलता है, जिससे न्याय प्रक्रिया पर समाज का विश्वास मजबूत होता है। साथ ही अदालतें सभ्य समाज की रचना में भी अपना अहम योगदान देती हैं। बैठकों में उच्च न्यायालय खण्डपीठ के ङ्क्षप्रसिपल रजिस्ट्रार बी डी राठी तथा सदस्य सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण अनुराग श्रीवास्तव ने महती भूमिका निभाई। इस मौके पर कलेक्टर पी नरहरि, पुलिस अधीक्षक डॉ. जी के पाठक व अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एवं प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री के के लाहौटी ने मेगा अदालत में समाज की भागीदारी पर भी विशेष जोर दिया। उन्होंने कानून की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों, प्राध्यापक, चिकित्सक एवं समाज के सम्मानित व्यक्तियों को भी लोक अदालत में भागीदार बनाने को कहा।
राज्य उच्च न्यायालय जबलपुर के प्रशासनिक न्यायाधिपति श्री के के लाहौटी ने कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक सहित अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक में जानकारी दी कि इस बार की मेगा लोक अदालत में सम्पत्ति कर पर अधिभार कम करने तथा नगरीय निकायों द्वारा लिये जाने वाले अन्य समेकित करों से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई की जायेगी। इसी तरह छात्रवृत्ति, नि:शुल्क साइकिल वितरण तथा छात्र-छात्राओं से जुड़ी अन्य योजनाओं से संबंधित प्रकरणों का निराकरण भी लोक अदालत में किया जायेगा। साथ ही गत वर्ष की भाँति अन्य प्रकृति के प्रकरणों पर भी पूर्व की भाँति सुनवाई होगी।

पिछले साल आयोजित हुई मेगा लोक अदालत में लगभग १३ लाख ४७ हजार प्रकरणों का निपटारा हुआ था। साथ ही लगभग 300 करोड रूपए के एवार्ड पारित हुए थे। न्यायाधिपति श्री के के लाहौटी ने बताया कि मध्यप्रदेश की मेगा लोक अदालत की ख्याति राष्ट्रीय और अंर्तराष्ट्रीय स्तर तक है।

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