ग्वालियर। मध्य प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर आगामी उपचुनाव में सबसे ज्यादा दारोमदार ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 16 सीटों पर है। इसी कारण सत्तारूढ़ भाजपा व विपक्षी कांग्रेस दोनों इन विस क्षेत्रों पर पूरा जोर लगा रही हैं। भाजपा के राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस गढ़ में हुंकार भरने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ 18-19 सितंबर को दो दिनी दौरा करेंगे। उनसे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व सिंधिया ने क्षेत्र में एक के बाद एक कई कार्यक्रमकर भाजपा के पक्ष में जो माहौल बनाया है, उसी अंदाज में कांग्रेस कमल नाथ के रोड शो से शक्ति प्रदर्शन कर चुनावी बिगुल फूंकेगी।

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ग्वालियर-चंबल संभाग को सिंधिया का गढ़ माना जाता है। सिंधिया ने कांग्रेस में रहते वहां प्रदेश के दूसरे नेताओं के हस्तक्षेप को सीमित रखा था जिससे वहां कांग्रेस के दूसरे नेता और उनके समर्थकों की संगठन या अन्य गतिविधियों में दखलदांजी भी सीमित ही थी। सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ भी पहली बार ग्वालियर दौरे पर जा रहे हैं।


दरअसल ये उपचुनाव मप्र की भावी सियासत की दशा-दिशा तय करेंगे, इसलिए ग्वालियर-चंबल की 16 सीटों में से अधिकांश जीतने पर दोनों प्रमुख दलों का पूरा जोर है।


कोरोना की वजह से कमल नाथ की ग्वालियर में कोई सभा नहीं रखी जा रही है, लेकिन कांग्रेस अपनी ताकत दिखाने के लिए कमल नाथ का विमानतल से लेकर रानी लक्ष्मीबाई के फूलबाग स्थित समाधि स्थल तक के 14 किलोमीटर के रोड शो पर फोकस किए हुए है। पार्टी का दावा है कि रोड शो में अंचल के सभी जिलों का प्रतिनिधित्व दिखाई देगा। इसके बाद कमल नाथ आसपास के जिलों से आए प्रतिनिधि मंडलों से रात तक मिलते रहेंगे। दूसरे दिन वे ग्वालियर जिले की ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व और डबरा विधानसभा सीटों के मंडल-सेक्टर और ब्लॉक के पदाधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे।

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