लखनऊ । लखनऊ मेदान्ता अस्पताल में भर्ती मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार सुबह निधन हो गया। उन्हें पेशाब में परेशानी के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लखनऊ में जन्मे 85 वर्षीय एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन का काफी दिनों से स्वास्थ्य खराब चल रहा था। 11 जून को उन्हें पेशाब में परेशानी के चलते लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लम्बी बीमारी के कारण कोमोबिर्टीज और न्यूरो मस्कुलर कमजोरी के कारण वह बाई-रेप वेंटिलेटर को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे। सोमवार शाम को दोबारा तबीयत बिगड़ने पर उन्हें ट्रेकोस्टॉमी के माध्यम से फिर क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर लिया गया है। बीच-बीच में उनकी हालत में सुधार सूचनाएं भी मिलती रही हैं। लेकिन मंगलवार सुबह उनका अस्पताल में निधन हो गया।
1960 से शुरू हुआ था लालजी टंडन का राजनीति सफर
12 अप्रैल 1935 को लखनऊ में जन्मे लालजी टंडन 1958 में शादी के बंधन में बंध गए। उन्होंने स्नातक तक की शिक्षा हासिल की है। उनके पुत्र गोपाल जी टंडन इस समय यूपी की योगी सरकार में मंत्री हैं। एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन ने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 में की थी। टंडन दो बार पार्षद चुने गए और दो बार विधान परिषद के सदस्य भी रहे। उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ जेपी आंदोलन में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लिया था। लालजी टंडन को यूपी की राजनीति में कई अहम प्रयोगों के लिए भी जाना जाता है। 90 के दशक में प्रदेश में भाजपा और बसपा की गठबंधन सरकार बनाने में भी उनका अहम योगदान माना जाता है।
कब-कब लालजी टंडन बने मंत्री
1978 से 1984 और 1990 से 96 तक लालजी टंडन दो बार उत्तर प्रदेश विधानपरिषद के सदस्य रहे। 19991 से 92 की यूपी सरकार में वह मंत्री भी बने। इसके बाद लालजी टंडन 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे। 1997 में फिर से वह विकास मंत्री बने।