भोपाल। ऑटो रिक्शा चालक किशोर चौहान आज भोपाल शहर का रीयल हीरो है। उसने जबलपुर से भागकर आईं 2 लड़कियों को बड़ी ही सूझबूझ के साथ बचा लिया, अन्यथा दोनों किसी भी मुसीबत में फंस सकतीं थीं। दोनों लड़कियां जबलपुर के एक NRI दंपती की बेटियां हैं। उन्होंने दोनों को गोद लिया था।
गोविंदपुरा थाने की ऊर्जा डेस्क लिंक प्रभारी सोनिया पटेल ने बताया कि बुधवार शाम करीब 7 बजे पिपलानी में रहने वाले ऑटो रिक्शा चालक किशोर चौहान दो बच्चियों को लेकर पुलिस थाने पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह दोनों बच्चियां ISBT पर मिली थीं। यह दोनों भोपाल के किसी होटल में ठहरना चाह रही थीं। शंका होने के कारण मैं उन्हें यहां ले आया हूं।
ऊर्जा डेस्क प्रभारी रामकुमार धुर्वे ने बताया कि बच्चियों को पहले बैठाकर दोस्तों की तरह बात की गई। उसके बाद उनके बारे में पूछा। काफी कोशिशों के बाद उन्होंने अपने बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे घर से सोने के जेवर और नकद लेकर आई हैं।
सोनिया ने बताया कि बच्चियों से उनके माता-पिता के बारे में जानकारी ली गई। रात को ही उनके पिता से संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि उनकी दोनों बेटियां घर से गुस्से में निकल गई हैं। उनकी गुमशुदगी पुलिस थाने में भी दर्ज कराई है। पुलिस ने बच्चियों की उनसे बात भी करवाई। गुरुवार दोपहर तक पिता भोपाल आ गए। दोनों बेटियां घर से करीब 19 हजार रुपए नकद, सोने के जेवर और ATM कार्ड लेकर आ गई थीं। पुलिस ने पूरा सामान उन्हें सौंप दिया है।
अनूप ने बताया कि दोनों बच्चियों को बचपन में ही गोद में ले लिया था। बड़ी बेटी वर्षा जब पांच साल की थी, तब उन्होंने उसे मातृछाया जबलपुर से गोद लिया था। वहीं, छोटी बेटी स्नेहा को चार साल की उम्र में गोद में लिया था। वे अपनी बेटियों से बहुत प्यार करते हैं। पुलिस ने बच्चियों को अच्छे से समझाइश दी है। हमें उनसे कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने भी माना कि अब वे दोबारा बिना बताए कहीं नहीं जाएंगी।