भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार के रूप में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को शपथ लिए 23 दिन बीत गए हैं, जबकि मंत्रिमंडल गठन को 10 दिन हो गए हैं. बावजूद प्रदेश सरकार के मंत्रियों को राजधानी भोपाल में बंगले आवंटित नहीं हो सके. डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल अपने निजी आवास से काम चला रहे हैं तो वहीं प्रहलाद पटेल अपने भाई पूर्व विधायक जालम सिंह पटेल के निवास कामकाज देख रहे हैं. प्रदेश के 22 मंत्रियों को भोपाल में बंगले नहीं मिले हैं.

डॉ. मोहन यादव सरकार की कैबिनेट ने शपथ के बाद से पदभार ग्रहण कामकाज संभालना शुरू कर दिया है, लेकिन प्रदेश सरकार के मंत्रियों के समक्ष सबसे बड़ी परेशानी भोपाल में सरकारी बंगलों की आ रही है. सीएम डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट के 22 मंत्रियों को बंगला चाहिए, जबकि 12 से 14 बंगले ही ऐसी स्थिति में हैं, जिन्हें नए सिरे से आवंटित किया जा सकता है. इसमें भी कुछ बंगलों में ऐसे नेता रह रहे हैं जो मंत्री नहीं बन पाए, लेकिन विधायक हैं.

बंगलों की चाहत में प्रदेश के सरकार के मंत्री गृह विभाग में अर्जी भी लगा चुके हैं, बावजूद उनकी अर्जी अब तक बेअसर ही साबित हो रही है. प्रदेश सरकार के मंत्री प्रतिमा बागरी, नरेन्द्र शिवाजी पटेल, लखन पटेल जैसे कई मंत्रियों ने गृह विभाग में बंगलों के अर्जी लगाई है. कई मंत्रियों की स्थिति यह है कि वे अभी होटल में अथवा निजी निवास में रहकर सरकारी कामकाज देख रहे हैं.

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल को भी बंगला आवंटित नहीं हो सकता है. नतीजतन प्रहलाद पटेल अपने व पूर्व विधायक जालम सिंह पटेल को आवंटित आवास में रह रहे हैं, हालांकि यह भी काफी छोटा है. जबकि नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को पूर्व में लिंक रोड नंबर एक पर सी-टाईम बंगला आवंटित हुआ है, अब वे मंत्री हैं, इसलिए उन्हें दूसरे आवास की जरूरत है.

इधर प्रदेश के डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल को भी सरकारी बंगले की जरूरत है. फिलहाल डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल बावडिय़ाकलां स्थित अपने निजी घर में रहे हैं, हालांकि पिछली शिवराज सरकार में उनके पास चार ईमली बी-9 बंगला था. शुक्ल इसी बंगलों को दोबारा चाह रहे हैं. फिलहाल में निजी घर से कामकाज देख रहे हैं.