भोपाल। प्रदेश में कानून व्यवस्था के काम में लगे कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को सरकार ने शनिवार को वाहन में बहुरंगी (लाल, नीली और सफेद) बत्ती लगाने का अधिकार दे दिया। अयोध्या राम जन्मभूमि से जुडे सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मद्देनजर नौ से 11 नवंबर तक कार्यपालिक मजिस्ट्रेट पेट्रोलिंग के दौरान उपयोग किए जाने वाले वाहन पर बहुरंगी बत्ती लगा सकेंगे। शुक्रवार को उज्जैन कमिश्नर अजीत कुमार और रतलाम कलेक्टर कलेक्टर रुचिका चौहान ने वाहन पर बत्ती लगाने का अधिकार मांगा था। 2017 में केंद्र सरकार ने वीवीआईपी कल्चर समाप्त करने के निर्णय के तहत मोटरयान अधिनियम में संशोधन करके वाहनों पर लाल व पीली बत्ती लगाने के अधिकार बेहद सीमित कर दिए थे। इसके चलते प्रदेश सरकार ने नियमों में संशोधन करके मंत्रियों और अधिकारियों के वाहनों पर लगने वाले लाल व पीली बत्ती हटाने का आदेश दिया था।

अयोध्या राम जन्मभूमि से जुडे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने मैदानी अफसरों को लगातार पेट्रोलिंग करने के निर्देश दिए थे। सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने शुक्रवार को जब कमिश्नर और कलेक्टरों से कानून व्यवस्था की तैयारी को लेकर समीक्षा की तो रतलाम कलेक्टर रुचिका चौहान ने तहसीलदार (कार्यपालिक मजिस्ट्रेट) के वाहन में बहुरंगी बत्ती नहीं होने की वजह से हो रही परेशानी का मुद्दा उठाया।

उज्जैन कमिश्नर अजीत कुमार ने इसका समर्थन किया और कहा कि कई बार प्राइवेट वाहन से दौरा करने पडते हैं। यदि गनमैन साथ न हो तो पहचान में बडी समस्या आती है। दोनों अधिकारियों का पक्ष सुनने के बाद मुख्य सचिव ने विचार करने का भरोसा दिलाया था।

शनिवार को सुबह मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से सभी कमिश्नर और कलेक्टरों को संदेश भेजा गया कि तीन दिन के लिए सभी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट को वाहनों में बहुरंगी बत्ती लगाने की अनुमति दी गई है। इसके बाद परिवहन विभाग के अवर सचिव आरएन चौहान ने सभी कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के मैदानी दौरे को देते हुए नौ से 11 नवंबर तक वाहन पर पीली (बिकन) बत्ती लगाने की अनुमति के आदेश जारी किए, जिसे बाद में संशोधित कर बहुरंगी बत्ती किया गया।

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