भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अशोका गार्डन में हुए पीयूष जैन हत्याकांड में पुलिस ने एक महिला समेत तीन आरोपियों को और गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने साक्ष्य मिटाने में अरजान और उसकी प्रेमिका की मदद की थी। गर्लफ्रेंड से मिलने सागर से भोपाल आए पीयूष जैन की मौत सिर के पिछले हिस्से में आई गंभीर चोट लगने से हुई थी। श्रेयांशी के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहे अरजान खान ने उसके सिर के पिछले हिस्से में मोटी लकड़ी से हमला किया था।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने श्रेयांशी और अरजान खान के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया। हालांकि दोनों ही हत्या करने से लगातार इनकार कर पुलिस को गुमराह कर रहे थे। हत्या में प्रयुक्त की गई लकड़ी भी पुलिस ने बरामद कर ली है। सागर के बड़ा बाजार निवासी 20 वर्षीय पीयूष जैन की 19 वर्षीय श्रेयांशी पांडे से करीब चार साल से दोस्ती थी। श्रेयांशी बरियाघाट, सागर की रहने वाली है। करीब पांच महीने से अशोका गार्डन के प्रगति नगर स्थित नवाब कालोनी में किराए से कमरा लेकर अपने दोस्त अरजान खान के साथ लिव इन रिलेशन में रह रही है। यह कमरा सद्दाम खान ने किराए पर लिया था। सद्दाम टेलरिंग का काम करता है। पुलिस हत्या के मामले में सद्दाम और उसकी गर्लफ्रेंड को भी सह आरोपी बनाएगी।
पीयूष जैन शनिवार की सुबह राज्यरानी एक्सप्रेस से भोपाल आया था। उसने श्रेयांशी बात की और दोपहर डेढ़ बजे वह नवाब कॉलोनी उसके कमरे पर पहुंच गया था। इसके बाद वह दो बार घूमने भी गया। शाम को वह शराब पीकर कमरे पर पहुंचा। रात 12 बजे पीयूष के साथ अरजान, श्रेयांशी, सद्दाम और एक अन्य युवती शराब पी रही थी। इस बीच पीयूष का श्रेयांशी से कहना था कि मैं यहां यह देखने आया था कि तेरे को ऐसा कौन सा सुंदर लड़का मिल गया, जिस कारण तूने मुझे छोड़ दिया। पीयूष ने उसे गालियां देना शुरू कर दी। उसके चरित्र को लेकर भी अपशब्द कहे। अरजान ने पीयूष को समझाया कि वह उसकी गर्लफ्रेंड के बारे में अपशब्द नहीं बोले। इसी बात पर विवाद बढ़ने पर अरजान ने पीछे से पीयूष के सिर पर मोटी लकड़ी से हमला कर दिया। अपनी गलती छिपाने रात 2.30 बजे पीयूष को हमीदिया अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां बताया कि सीढियों से गिरने के कारण बेहोश हो गया है। अरजान बैरसिया रोड स्थित कांग्रेस नगर का रहने वाला है।
श्रेयांशी और अरजान ने बयान में पुलिस को बताया था कि रात में पीयूष बाथरूम गया था, लेकिन तभी कुछ गिरने की आवाज आई। वे बाहर पहुंचे तो जमीन पर पीयूष पड़ा था। वह सीढियों से गिरा था। वे उसे अस्पताल लेकर पहुंचे थे।
पुलिस का मानना है कि यदि पीयूष सीढियों से गिरा होता तो उसके हाथ-पैर और शरीर पर चोट के निशान होते हैं। कमर के निचले हिस्सा में भी चोट आती। मकान की 12-13 सीढियों से नीचे गिरते समय सिर में इतनी गंभीर चोट नहीं आती। इससे साफ है कि किसी भारी वस्तु से उसके सिर के पीछे वार किया गया था।
शनिवार रात 12.30 बजे जब पीयूष की हत्या की गई थी, तब कमरे में सद्दाम, वर्षा और जिवरान उर्फ मेहरान खान मौजूद थे। सद्दाम, वर्षा और जिवरान ने अरजान और श्रेयांशी पांडे के साथ मिलकर घर में फैला खून साफ किया था। इसके बाद पांचों आरोपी यह योजना बनाने में जुटे रहे कि पीयूष को कैसे ठिकाने लगाया जाए। जिस के कारण पीयूष का शव करीब डेढ़ घंटे घर में ही रखा रहा।
पुलिस ने मंगलवार देर रात तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने मंगलवार को अरजान खान को जेल भेज दिया, जबकि युवती को बालिग होने में एक महीना कम होने पर बाल न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे बालिका सुधार गृह भेजा गया है। पुलिस अब आरोपी किशोरी को वयस्क सिद्ध करने उसके जन्म प्रमाण-पत्र एवं अन्य दस्तावेज इकट्ठा करेगी। एएसपी संजय साहू के मुताबिक नवाब कॉलोनी, प्रगति नगर में मोहम्मद सद्दाम ने मकान किराए से लिया था। जिसमें एक कमरे में सद्दाम और उसकी पत्नी पल्लवी उर्फ वर्षा वर्मा अपने तीन साल के बेटे के साथ रहते थे, जबकि बाहर के कमरे में अरजान खान व उसकी प्रेमिका रहते थे।