इंदौर। इंदौर (Indore) में पिछले एक सप्ताह में शराब पीने से हुई चार मौतों की जिम्मेदार नकली रॉयल स्टेज शराब थी। यह खुलासा खुद इंदौर नार्थ के एसपी (Indore SP) महेश जैन ने किया है। हैरत की बात यह है कि अधिकृत बारो में धड़ल्ले से बिकने वाली शराब के बारे में आबकारी विभाग आंख मूंद कर बैठा था।
मध्यमवर्ग की सबसे लोकप्रिय अंग्रेजी ब्रांड शराब रॉयल स्टैग इंदौर के बारों (Indore Bar) मे में धड़ल्ले से बिक रही है। यह बात हम नहीं बल्कि खुद इंदौर के एसपी महेश जैन कह रहे हैं। जैन का कहना है कि इंदौर के पैराडाइज और संगीता बार में बिकने वाली रॉयल स्टेज अवैध पाई गई है यानी कि वह सरकारी ठेकेदारो के माध्यम से नहीं आई बल्कि इंदौर के आसपास ही तैयार की जा रही है। इस शराब पीने से इंदौर में अब तक चार युवकों की मौत हो चुकी है और तीन गंभीर है।
हैरत की बात यह है कि बार में बिकने के बावजूद इस शराब की जानकारी आबकारी विभाग को या तो थी नहीं या खुद इस बिक्री मे उसकी सहमति थी। दरअसल देखा जाए तो इस पूरे मामले में आबकारी विभाग ने धृतराष्ट्र की भूमिका निभाई है। विभाग के अमले की जिम्मेदारी होती है कि वह शहर में बिकने वाली हर अवैध शराब का लेखा-जोखा रखें और अगर किसी तरह से अवैध शराब बिक रही है तो उसकी बिक्री पर रोक लगाए।
लेकिन शराब की बोतल की कीमतों में अंतर से मिलने वाली रकम इतनी ज्यादा होती है कि आबकारी विभाग आंख मूंद लेता है और नतीजा कभी मुरैना तो कभी छतरपुर तो कभी मंदसौर (Mandsaur) और कभी इंदौर (Indore) के घटनाक्रम दोहराये जाते हैं। फिलहाल इंदौर के मामले में एसपी ने अपना मोबाइल नंबर सार्वजनिक कर दिया है और लोगों से अपील की है कि वह इस नंबर पर जानकारी दे सकते हैं। लेकिन सवाल यह भी है कि जब यह स्पष्ट हो चुका है कि पैराडाइज और संगीता बार पर सरकारी शराब नही बल्कि बनाई हुई रॉयल स्टैग बिकती थी तो अभी तक उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई।