गुना। शादी के नाम पर ठगी करने वालों की गैंग को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें चार लुटेरी दुल्हनें और दो पुरुष शामिल हैं। आरोपी उन लड़कों को फंसाते थे, जिनकी शादी नहीं हो रही होती थी। इनसे शादी के नाम पर रुपए ऐंठते थे। इसके बाद लड़की कुछ दिन घर में रुककर पैसे लेकर फरार हो जाती थी। आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने एक कॉन्स्टेबल को दूल्हा बनाकर भेजा। सवा लाख रुपए में सौदा तय हुआ। जब आरोपी लड़की दिखाने के लिए आए, तब पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
मधुसूदनगढ़ निवासी लाखन लोधी (22) की शादी नहीं हो रही थी। इसके लिए उसके पिता कैलाबई मीणा नाम की महिला से मिले। 8 मई को कैलाबाई अपने साथी वीरपुरा निवासी गोविंद मीणा दोनों को साथ लेकर विदिशा जिले की लटेरी तहसील लेकर गए। यहां उन्हें रहीश निवासी भोपाल, ममता अहिरवार और नीलम रैकवार दोनों निवासी सागर से मिलवाया। यहां लाखन ने ममता से को शादी के लिए पसंद कर लिया। इसके बाद 70 हजार रुपए देकर ममता को साथ ले आए।
रूपाहेड़ी गांव आकर मंदिर में शादी कर ली। कुछ दिन बाद ममता अपनी मां के बीमार होने की कहर चली गई। बाद में लाखन से 15 हजार रुपए लेने के बाद ही वापस आई। दो दिन बाद दोबारा सागर जाने की जिद करने लगी। मना करने पर उसने 25 मई को साथियों नीलम रैकवार, रहीश, प्रीति उईके समेत 8 लोगों को बुला लिया। मना करने के बाद भी वह ममता को जबरदस्ती साथ लेकर चले गए। लाखन ने इसकी शिकायत थाने में कर दी।
पुलिस ने लाखन से रहीश का नंबर लेकर गैंग के सदस्य रहीश से संपर्क किया। खुद थाना प्रभारी ने फोन कर कहा कि उन्हें शादी के लिए लड़की चाहिए। सदस्यों ने सवा लाख रुपए मांगे। थाना प्रभारी राजी हो गए। सदस्य ने कहा कि उनके पास कई लड़कियां हैं। सौदा तय होने के बाद गैंग के सदस्यों ने उन्हें भोपाल के बैरसिया बुलाया।
पुलिस ने कांस्टेबल को नकली दूल्हा बनाया। उसके साथ मुखबिर को लड़के का पिता बनाकर भेजा। इनके साथ टीम भी बैरसिया के लिए रवाना हुई। बैरसिया-नजीराबाद के बीच रोड पर पहुंचे। यहां कार में गैंग के सदस्य आए। उनको शादी के लिए लड़का बनाकर लाए कांस्टेबल को दिखाया, तो वह तैयार हो गए। इसके बाद गैंग के सदस्यों ने भी चार लड़कियां दिखाईं। पुलिस को यकीन हो गया। टीम ने मौके पर से 6 लोगों को पकड़ लिया। वहीं, गाड़ी में बैठे कुछ लोग कार्रवाई को भांपकर भाग गए।