चित्रकूट । शौच के लिए गई लड़की से स्कूल के संकुल भवन में दुष्कर्म के मामले में घटना के दो माह के अंदर विशेष न्यायाधीश ने दोषी को 10 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। प्रभावी पैरवी के चलते आरोप पत्र दाखिल करने के मात्र 35 दिन के अंदर ही पीड़िता को न्याय मिल सका है।

विशेष लोक अभियोजक तेज प्रताप ने बताया कि सरधुवा थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बहन की तबीयत खराब होने के चलते वह घर से बाहर गया था। लौटने पर बताया गया कि उसकी पुत्री दादी-बाबा के यहां गई है। बताया कि 11 जून 2023 को उसकी बेटी शौच के लिए गई थी। रास्ते से सरधुआ थाना क्षेत्र के बरद्वारा गांव का शिवशंकर उर्फ निंदा उसे खींचकर स्कूल के संकुल भवन में ले गया और दुष्कर्म किया। पिटाई कर किसी से बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी।

पुलिस ने मामले की रिपोर्ट दर्ज करने के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। छह जुलाई को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया। पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला के निर्देश पर महिला उत्पीड़न के इस मामले में पुलिस टीम ने त्वरित गति से प्रभावी पैरवी की। बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश विनीत नारायण पांडेय ने गुरुवार को निर्णय सुनाया। दोष सिद्ध होने पर आरोपी शिवशंकर उर्फ निंदा को 10 वर्ष कठोर कारावास के साथ 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।