भोपाल । मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को विधानसभा चुनाव की वोटिंग होनी है। आजादी के बाद मध्य प्रदेश में अब तक कुल 15 विधानसभा चुनाव हुए हैं। इनमें से 12 बार राज्य में उस पार्टी की सरकार बनी है, जिसमें सूबे की कुछ ऐसी भी हाईप्रोफाइल विधानसभा सीटें जिसमें आज एक तरफा दबदबा है।

भारतीय जनता पार्टी की दमदार पकड़ वाले मध्य अंचल में राजगढ़ ही एक ऐसा जिला है जहां कांग्रेस की मजबूत उपस्थिति बनी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह के इस किले पर भाजपा अब तगड़ा हमला करने जा रही है। दिग्विजय सिंह के धुर विरोधी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हीरेंद्र सिंह को राघोगढ़ से टिकट दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्रीय मंत्री सिंधिया राघोगढ़ विधानसभा सीट के प्रभारी भी हैं।

बता दें कि हीरेंद्र सिंह ने अपने भाषण में रामलला और प्रधानमंत्री मोदी के नाम का जिक्र करते हुए राजनीतिक बिसात बिछाना शुरू कर दी है. हीरेंद्र सिंह ने कहा कि सनातन के अपमान और आत्मसम्मान की लड़ाई के कारण कांग्रेस छोड़ी और भाजपा का दामन थामा है। पहले कांग्रेस के लिए का मांगे थे लेकिन आज वे बीजेपी के प्रत्याशी हैं। बीजेपी प्रत्याशी ने बयान देते हुए कहा कि कांग्रेस के कारण अयोध्या में रामलला टेंट के नीचे रहने को मजबूर थे. लेकिन रामलला का मंदिर निर्माण मोदी के कारण ही संभव हो पाया. कश्मीर में धारा 370 का जिक्र भी किया. हालांकि, ग्रामीणों के लिए धारा 370 का मुद्दा बेमानी सा दिखाई दिया।

हीरेंद्र सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह ग्रामीणों से पारिवारिक रिश्ता जोड़ने की कोशिश भी की। परिवारिक रिश्तों की दुहाई देते हुए हीरेंद्र सिंह ने कहा कि उनके संबंध राजनैतिक नहीं, बल्कि पारिवारिक हैं. बुजुर्गों के बीच बेटा, भाई-भतीजा बनकर आया हूं।

BJP उम्मीदवार ने कहा कि 2003 के पहले राघोगढ़ क्षेत्र में पक्की सड़कें नहीं थीं जबकि खुद राजा दिग्विजय सिंह यहां से मुख्यमंत्री थे. हालांकि, हीरेंद्र सिंह ने ये भी कहा कि मुझसे छोटी मोटी शिकायतें हो सकती हैं. आपसी रंजिश और मतभेद भुलाकर बीजेपी के लिए काम करें।

ग्रामीणों को चुनावी टिप्स देते हुए हीरेंद्र सिंह ने कहा कि सभी को “संयम धैर्य शांति” से चुनाव लड़ना है। किसी लोभ लालच में नहीं पड़ना। उन्होंने राघोगढ़ क्षेत्र के सोरामपुरा, नारायणपुरा, गुर्जरखेड़ी, नीमखेड़ी, सराय, गोविंदपुरा, सुंदरखेड़ी, बरखेड़ी महाराजा, मुहासा, गाबरी, पीपल्या, सागर, डोबा, बरखेड़ा, मालिया गांव में जनसभाएं कीं। वहीं, दिग्विजय सिंह के बेटे और स्थानीय विधायक जयवर्धन सिंह ने राघोगढ़ की जनता को अपना परिवार बताते हुए विकास कार्य गिनाए. कांग्रेस विधायक ने कहा कि हमारी तो आत्मा और सोच ही सनातन है।
हीरेंद्र सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर वोट मांगे. वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लेते हुए कहा कि किसानों का कर्ज माफ नहीं किया गया, इसलिए सिंधिया ने सरकार गिराई और कमलनाथ को सड़क पर ला दिया।

BJP प्रत्याशी के सहारे ज्योतिरादित्य सिंधिया राघोगढ़ किले की घेराबंदी में जुटे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया जानते हैं कि दिग्विजय सिंह और उनके विधायक बेटे जयवर्धन सिंह के नजदीकी रहे हीरेंद्र राघोगढ़ की चुनावी रणनीति से बखूबी परिचित हैं. इसी का लाभ उठाते हुए हीरेंद्र सिंह को ज्योतिरादित्य सिंधिया का भरपूर समर्थन भी मिल रहा है. सिंधिया के लिए राघोगढ़ सीट नाक का सवाल बनी हुई है।
भाजपा ने राजगढ़ के लिए इन नेताओं का चयन बहुत सोच-समझकर किया है जिससे हमले को धारदार बनाया जा सके। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया और पिता माधवराव सिंधिया से क्षेत्र की जनता का स्नेह याद दिलाएंगे वहीं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर राजपूत वोट बैंक को लुभाएंगे।