मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने को लेकर कहा कि वे 22 जनवरी को ओरझा में भगवान राम की पूजा-अर्चना करेंगे। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी देश के लिए भावुक दिन होगा, सब चाहते है कि हम अयोध्या जाएं, उन पलों के साक्षी बने। लेकिन, पीएम मोदी ने अपील की है कि भारी भीड़ होने के चलते हम अयोध्या न जाएं। ऐसे में यह व्यवस्था बनी रहे, इसलिए हम बाद में दर्शन करने जाएं।
उन्होंने कहा कि मैं 22 जनवरी को ओरझा में भगवान राम की पूजा अर्चना करूंगा। वहीं से भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनूंगा। उन्होंने बताया कि शाम को दीपोत्सव का कार्यक्रम होगा। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारी आंखों के सामने रामलला मंदिर में विराजने वाले हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रामराज्य का प्रारंभ भी हो गया है, इस दिन हम विश्वगुरु बनने की कामना भी करेंगे।
इसके साथ ही रामभक्त शबनम से पूर्व सीएम शिवराज की मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि बेटी शबनम अपने 2 साथियों के साथ अयोध्या जा रही है। वह सर्वधर्म समभाव प्रेरणा बनी है। एक मुस्लिम परिवार में जन्म लेकर भी वह भगवान राम के दर्शन करने अयोध्या जा रही है। बेटी के सम्मान और सुरक्षा की हमारी जिम्मेदारी है।
लाड़ली बहना योजना को लेकर पूर्व सीएम शिवराज ने कहा कि मुझे खुशी है कि योजनाएं जारी रहेंगी।10 तारीख को फिर लाड़ली बहनों के खाते में पैसा आएगा। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहनों को लखपति बहना बनना है, उसके लिए मैं निरन्तर काम करूंगा। इस दिशा में मुख्यमंत्री और सरकार काम करेंगी।
वहीं सीएम मोहन यादव से मुलाकात को लेकर पूर्व सीएम ने कहा कि सीएम से सौजन्य भेंट की है। 2003 से हम सरकार में हैं। आज गरीब और बीमारू मध्य प्रदेश विकासशील मध्य प्रदेश बना है। हम चाहते हैं कि तेजी से मध्य प्रदेश आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तेजी से काम शुरू किया है।
राम जन्मभूमि को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ये वो समय था जब हम लोग ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’ के नारों का उद्घोष करते थे और अयोध्या जाने के लिए निकले थे। उस समय हमने हनुमान से उत्तर प्रदेश की सीमा पर प्रवेश किया। उन्होंने कहा कि उस समय कैसा विकट समय था कि अपने देश के एक राज्य की सीमा पर प्रवेश करने से रोकने के लिए मुलायम सरकार ने ऐसी व्यवस्था की थी, जैसे हम दूसरे देश में जा रहे हों। हमने प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन हम पकड़ लिए गए। इसके बाद जौनपुर की जेल में हमें आठ दिन रखा गया। वहां हम लोगों को उत्साहित करते थे। जेल से छूटने के बाद हम अयोध्या गए और संकल्प लिया कि मंदिर वहीं बनाएंगे।