छिंदवाड़ा: मध्य प्रदेश की सबसे हॉट सीट यानी छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र की चुनावी मुकाबले की तस्वीर अब साफ हो गई है. कांग्रेस के वर्तमान सांसद और एक्स सीएम कमलनाथ के पुत्र नकुलनाथ के खिलाफ बीजेपी ने अपने जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू को मैदान में उतारा है. विवेक बंटी साहू के साथ यह संयोग जुड़ने वाला है कि वह पिता-पुत्र दोनों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने वाले विरले उम्मीदवार होंगे. नवंबर 2023 में हुए विधानसभा के चुनाव में विवेक बंटी साहू ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को छिंदवाड़ा सीट से चुनौती दी थी लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

सबसे पहले छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र के इतिहास की बात कर लेते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के तीसरे पुत्र कहे जाने वाले कमलनाथ छिंदवाड़ा से 9 बार सांसद निर्वाचित हुए हैं, जबकि एक बार उनकी पत्नी अलका नाथ और एक बार उनके पुत्र नकुल नाथ को यहां से जीत मिली है. कमलनाथ 1980 में अपने पहले कार्यकाल से लेकर 1996 तक और दूसरे कार्यकाल में 1998 से लेकर 2018 तक छिंदवाड़ा के सांसद थे.

साल 2008 में मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद साल 2019 में हुए आम चुनाव में उनके पुत्र नकुल नाथ छिंदवाड़ा सीट से सांसद चुने गए थे. रोचक बात यह है कि इस चुनाव में मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सिर्फ छिंदवाड़ा सीट पर ही विजय हासिल हुई थी. राज्य की बाकी 28 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस को हर का सामना करना पड़ा था. गौरतलब है कि छिंदवाड़ा सहित पूरे मध्य प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से चर्चा थी कि कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा को फतह करने के लिए बीजेपी 1998 वाला दांव एक फिर चल सकती है. साल 1998 के छिंदवाड़ा के उप चुनाव में बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा को यहां से मैदान में उतार कर कमलनाथ को पटकनी दी थी.

लेकिन, बुधवार (13 मार्च) को भारतीय जनता पार्टी ने अपने जिला अध्यक्ष विवेक बंटी साहू पर भरोसा जताते हुए उन्हें नकुलनाथ के खिलाफ मैदान में उतार कर तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया है. माना जा रहा है कि इस बार सांसद नकुलनाथ को घेरने के लिए बीजेपी बड़ी योजना पर काम कर रही है. बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को छिंदवाड़ा फतह का जिम्मा दिया है. छिंदवाड़ा से बीजेपी उम्मीदवार विवेक बंटी साहू के राजनीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने बीजेपी युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष के तौर पर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. साल 2019 में छिंदवाड़ा विधानसभा के उपचुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ उन्होंने पहला चुनाव लड़ा था.

इस चुनाव में विवेक बंटी साहू को 25 हजार मतों से पराजय का सामना करना पड़ा. भारतीय जनता पार्टी ने विवेक बंटी साहू को 2023 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार दिया. इस सभा चुनाव में भी विवेक बंटी साहू को लगभग 35 हजार मतों से पराजय का सामना करना पड़ा. अब एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में विवेक बंटी साहू को कांग्रेस प्रत्याशी नकुल नाथ के खिलाफ टिकट दिया है.

टिकट मिलने के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में विवेक बंटी साहू ने कहा कि,”ये चुनाव राष्ट्र और मोदी जी के नाम पर होगा और इस बार छिंदवाड़ा की जनता भी मोदी जी को कमल फूल का हार पहनाएगी.” चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के खिलाफ अपनी हार की वजह भी विवेक बंटी साहू ने बताई. उन्होंने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में कमलनाथ ने सीएम के नेरेटिव पर चुनाव लड़ा था लेकिन अब परिस्थितियां अलग हैं.