सागर : सागर और ललितपुर के जैन समाज के प्रतिष्ठित 19 लोगो पर झूठी FIR दर्ज की गई। इसमें कुछ लोग तो घटना दिनांक के वक्त दूसरे स्थानों पर थे। सकल दिगम्बर जैन समाज सागर का कहना है कि कोई बड़ा व्यक्ति साजिश रच रहा है। जैन मुनि आचार्य श्री विद्यासागर जी महराज और समय सागर जी महराज के खिलाफ लगातार दुष्प्रचार और घटिया शब्दों में पत्र लिखे और भेजे गए। इन पत्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई हुई तो इसके आरोपी झूठे मामले दर्ज करा रहे है। यही नहीं दुष्प्रचार के आरोपियों का पिछले साल निर्यापक जैनमुनि श्री सुधा सागर जी महाराज के सानिध्य में हुए चातुर्मास कार्यक्रम में इनका सम्मान भी हुआ। उन्होंने

इससे जैन समाज आहत है। समाज के लोगों को आशंका है कि उनकोझूठे मामलों में फंसाया जा सकता है और  उन पर हमला भी हो सकता है। 

आज सकल दिगम्बर जैन समाज और कथित झूठे आरोप में घिरे लोगों ने मीडिया के समक्ष पूरे विवादों पर चर्चा की। इसमें महेश बिलहरा, अनिल जैन नैनधरा, सुरेंद्र जैन मालथोन,  ब्रहमचारिणी रेखा जैन एवं डॉ. नीलम जैन, मुकेश जैन ढाना, संजीव भैया,

सुदीप जैन सीए ,प्रदीप जैन पड़ा, सुधीर जैन, समीर जैन, देवेंद्र जेना सहित काफी लोग मौजूद रहे। 

क्या था मामला 

ललितपुर कोतवाली थाने में 6 मार्च को एक एफआईआर  रिपोर्टकर्ता ललितपुर के वकील मुन्नालाल सठियाना की शिकायत पर कोर्ट के जरिए हुए थी। उन्होंने बीते साल जिला न्यायालय ललितपुर में इस्तगासा पेश किया था। जिसमें आवेदन पर सागर के 09 लोगों ब्रहमचारिणी रेखा जैन एवं डॉ. नीलम जैन ,संजय जैन  बंडा, सुरेंद्र जैन मालथौन , अनिल नैनधरा जैन, मुकेश कुमार जैन ढाना , महेश बिलहरा , ब्रहमचारी विनय बण्डा 

 ललितपुर-जबलपुर के11लोगों देवेंद्र कुमार कामरा, विनोद कुमार कामरा ललितपुर मनोज कुमार जैन ललितपुर, विजयकुमार जैन (कॉफी हाउस) , श्रीशकुमार सिंघई पुत्र देवेन्द्र कुमार सिंघई , मनीष कुमार जैन निवासी, शैलेन्द्र सिंघई ललितपुर, अनूप जैन कैरू , सन्तोष कुमार इमलिया , सम्भव , ब्रह्मचारी संजीव भैया सहित नामजद व 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 147, 148, 363, 364, 367,307, 511, 120बी, 504, 506 ता०हि० थाना कोतवाली ललितपुर। प्रार्थनापत्र अन्तर्गत धारा 156 (3) जाफौ परिवर्तित धारा 173(4) बीएनएसएस 2023 के तहत केस दर्ज करें।

इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट से इनकी गिरफ्तारी पर स्टे मिला हुआ है। 

आचार्य श्री के खिलाफ दुष्प्रचार भरे पत्रों से उपजा विवाद

पत्रकारों से चर्चा में अनिल जैन नैनधरा ने बताया कि हम लोगों को मार्च के महीने में पता चला कि FIR दर्ज हुई है। जबकि मामला पूरा झूठा और षड्यंत्र भरा है। पिछले कुछ साल पहले आचार्य श्री विद्यासागर जी महराज और अन्य संतों के खिलाफ डाक से सागर से पत्र भेजे जा रहे थे। जिससे सागर की समाज की लगातार बदनामी हो रही थी। इस मामले में सीसीटीवी कैमरे और पुलिस की मदद ली गई । जिसमें ललितपुर के सुरेंद्र जैन उर्फ हिम्मू, वकील मुन्ना लाल सठियाना और गुजरात के रमेश गदिया की करतूत सामने आई। इसमें संजय जैन बंडा की शिकायत पर पुलिस FIR दर्ज की। इस दौरान इन लोगों ने स्वीकारा कि हम लोगों ने पत्र भेजे। इस मामले में समझाईश और क्षमा मांगने की बाते सामने हुई। इसी दौरान ललितपुर में वकील मुन्ना लाल से चर्चा हुई। वह माफी मांगने की बात कहकर घर चले गए। फिर नहीं आए। इसके बाद मुन्ना लाल ने पुलिस ने शिकायत की। ललितपुर पुलिस ने भी शिकायत को खारिज कर दिया। फिर अदालत के जरिए यह मामला दर्ज हुआ। हमारा कहना है कि दुष्प्रचार से लेकर मामले दर्ज कराने तक के पीछे कोई बड़ी ताकत कार्य कर रही है। जो आगे भी झूठी घटनाओं को अंजाम देगी।

ब्रह्मचारी संजीव ने बताया कि जिस तारीख में घटनाक्रम बताया जा रहा है उन दस दिनों में वे मुंबई में धार्मिक कार्यक्रम में थे। जिसकी खबर चैनल्स पर चले है। उसके वीडियो क्लिप भी है। हमारी भगवान से प्रार्थना है कि ऐसे लोगों सद्बुद्धि दे। 

चातुर्मास में हुआ सम्मान

सकल दिगम्बर समाज ने मीडिया को बताया कि पिछले साल सागर में भाग्योदय तीर्थ में  संत मुनि श्री सुधासागर जी महाराज के सानिध्य में हुए चातुर्मास कार्यक्रम में जिन लोगों सुरेंद्र जैन हिम्मूू और मुन्ना लाल जैन  ने आचार्य श्री के खिलाफ दुष्प्रचार किया उनका सम्मान किया गया। इससे समाज दुखी है। इन पर अदालत में प्रकरण विचाराधीन है। इनके खिलाफ ललितपुर हैं समाज ने निंदा प्रस्ताव भी पारित किया था। लोगो को मानना है कि पत्र कांड के आरोपियों को बचाने के लिए झूठे मामले दर्ज कराकर दवाब बनाया जा रहा है। 

हम कब तक सहे

इस मौके पर प्रदीप जैन का कहना था कि हम अहिंसा और क्षमा में विश्व रखते है । हमें उम्मीद थी कि मामला सुलझ जायेगा।लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम लोग सामाजिक समरसता में जुटे रहे । उन्होंने कहा कि कुछ लोग इकठ्ठा हो जाए तो समाज नहीं कहलाता है। पिछले दिनों सागर में मंदिर को लेकर कुछ लोगों ने उपद्रव किया। हिन्दू वर्सेज जैन मामला बनाने की कोशिश हुई। लेकिन हमारा जैन समाज उन उपद्रवियों के खिलाफ है। 

अनिल  नैन धरा का कहना है कि आचार्य श्री ने इस अपमान का जहर पिया है। उन्होंने कभी कुछ नहीं कहा और संत परम्परा को एक ऊंचाई दी। हमारा कहना है कि इस तरह से कब तक प्रताड़ित होते रहेंगे अब वक्त आ गया है। एक बड़ा वर्ग जैन सिद्धांतों का पालन कर रहा है।दूसरा वर्ग अनैतिकता को बढ़ावा दे था है। 

समाज के लोगों ने कहा कि जिन आरोपियों ने आचार्य भगवान के खिलाफ पत्र कांड किया उनको मंच से सम्मान देना और दोष मुक्त करना यह समाज के लिए बहुत बड़ी पीड़ादायक विषय था। फिर भी हम लोगों ने समाज ना टूटे इसलिए शांत रहे।चातुर्मास में शामिल कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा व्हाट्सएप पर समाज के सक्रिय लोगों के  खिलाफ बहुत कुछ अनर्गल लिखा जाता रहा। परंतु हम सब लोग समाज ना टूटे इसलिए बर्दाश्त करते है।

मुनि श्री की फीकी आगवानी का मामला

समाज के लोगों ने मीडिया को बताया कि परम पूज्य मुनि योगसागर जी महाराज की अगवानी में पुण्योदय विद्यापथ चैनल के संचालक अंकित मित्रा गुना के द्वारा षड्यंत्र रचा गया। सागर के एक ड्रोन कैमरे को ₹4000 देकर किराए पर लिए जाने की बात आई। जिसमें पूज्य मुनि योग सागर जी महाराज की अगवानी फीकी दिखाई जाने की बात की गई । उक्त काम की राशि  अंशुल जैन मंगलम सागर देगा ऐसा कहा गया।

ब्रह्मचारी गौतम जैन ईश्वरवारा के द्वारा भी आचार्य भगवंत के संघ के खिलाफ बहुत निंदा की गई है जिसकी ऑडियो भी उपलब्ध है। अंत में सभी समाजजन ने कहा कि और भी बहुत से विवादित विषय है जो मीडिया के माध्यम से सबके सामने लाए जाएंगे।

ये रहे मोजूद

इस मौके पर मुन्ना लंबरदार प्रकाश जी पारस गिलास, राजा भैया ,राजेश रोडलाइंस,सौरभ जैन बूंद, नीतू जी स्टील, दिनेश जी बिलहरा ,संदीप बैसाखिया, शालू ऑयल,भोलू कंफर्ट,आशीष बाबा ,मुकेश जैन ट्रांसपोर्ट, इंद्र कुमार नायक ,रितेश मड़ावरा, राहुल बिलहरा, ऋतुराज जैन,नीरज सिहोरा ,ऋतुल बिलहरा ,रेशु पटना, सोनू आईटीआई, राहुल इमलिया ,निलेश जैन आईटीआई, पदम जैन मोराजी ,समीर जैन रामपुर,मोनू मोराजी, प्रदीप जैन मोराजी,सचिन राजकमल, डॉक्टर पंकज जैन, प्रकाश जैन तीली, संदीप जैन कटरा, विजय जैन , नितिन जैन टाइल्स सौरभ जैन ,अखिलेश जैन, तिलकगंज, विदित जैन, सुजल जैन आदि  संख्या में समाज जन उपस्थित थे।