जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने कई सख्त फैसले लिए, जिनमें एक अहम निर्णय यह भी था कि वीजा लेकर भारत आए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर अपने देश लौटना होगा। इस आदेश के बाद सीमा हैदर का नाम एक बार फिर सुर्खियों में आ गया, जो पाकिस्तान से नेपाल होते हुए भारत आई थी। सीमा ने अपने प्रेमी सचिन मीणा से शादी के लिए कई देशों की सरहदें पार कीं, और अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या सरकार सीमा हैदर को पाकिस्तान वापस भेजेगी ? आइए जानते है इस खबरो को विस्तार से…
सीमा हैदर के वकील का बयान
आपको बता दें कि इस सवाल का जवाब फिलहाल नकारात्मक है। सीमा हैदर के वकील एपी सिंह ने कहा कि सीमा का मामला किसी भी हालत में पहलगाम आतंकी हमले से नहीं जोड़ा जा सकता। वकील ने यह स्पष्ट किया कि सीमा ने भारत में आते समय कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया है और भारत में रहते हुए हिंदू धर्म अपनाया। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सीमा हैदर अब भारतीय संस्कृति और परंपराओं में पूरी तरह समाहित हो चुकी हैं, और अब वे एक बच्ची की मां भी बन चुकी हैं, जिसका नाम भारती मीणा (मीरा) रखा गया है। नवजात का जन्म प्रमाणपत्र भी भारतीय सरकार द्वारा जारी किया गया है।
सीमा के पिछले कदम और कानूनी स्थिति
इसके साथ ही एपी सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि सीमा ने पाकिस्तान में अपने पति से तलाक लेकर वहां अपने पिता के साथ रहने का निर्णय लिया था, और फिर नेपाल के रास्ते भारत आई थी। यहां आकर उसने हिंदू धर्म अपनाया और कानूनी तरीके से विवाह किया। वे सभी कानूनी प्रावधानों का पालन कर रही हैं, और एटीएस (एंटी टेररिज्म स्क्वाड) की जांच में भी पूरा सहयोग दिया है। सीमा के सभी मूल दस्तावेज एटीएस के पास सुरक्षित हैं, और वह अपनी ससुराल रबूपुरा (ग्रेटर नोएडा) और स्थानीय अस्पताल के अलावा कहीं नहीं गई हैं।
न्यायालय और राष्ट्रपति की याचिका
सीमा हैदर फिलहाल न्यायालय के आदेश पर अपने पति सचिन मीणा के साथ रह रही हैं, और उनके खिलाफ कोई भी सीधा आपराधिक आरोप अब तक सामने नहीं आया है। साथ ही इस मामले में राष्ट्रपति के समक्ष एक याचिका भी लंबित है। वकील एपी सिंह ने अपील की है कि इस मामले में संवेदनशीलता बरती जाए और इसे एक मानवीय दृष्टिकोण से देखा जाए, क्योंकि यह न केवल एक महिला की सुरक्षा का मामला है, बल्कि एक नवजात के अधिकार और भविष्य का भी सवाल है।
सीमा हैदर के मानवाधिकार
वकील ने यह भी कहा कि सीमा हैदर का मामला मानवीय दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। उन्हें किसी भी आतंकी घटना से जोड़ना न केवल अन्याय होगा, बल्कि यह उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन भी है। सीमा हैदर के लिए यह एक कठिन समय है, क्योंकि एक तरफ उनके खिलाफ सरकार के सख्त फैसले हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी सुरक्षा और मानवीय अधिकारों का सवाल भी जुड़ा हुआ है। सीमा हैदर का मामला भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव के बीच और भी जटिल हो गया है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और सरकार ऐसे मामलों पर ध्यान दे रही हैं।