गर्मी का मौसम आते ही खाने-पीने की चीजों में जल्दी खराबी आने लगती है। ऐसे में अगर आप थोड़ा भी लापरवाह हो जाएं, तो फूड पॉइजनिंग (Food Poisoning) का खतरा काफी बढ़ जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें खराब या संक्रमित खाना खाने से पेट और पाचन तंत्र पर असर पड़ता है। अगर समय रहते इसके लक्षणों को न समझा गया, तो ये गंभीर बीमारी का रूप ले सकता है।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि फूड पॉइजनिंग क्या है, इसके लक्षण क्या होते हैं, इससे बचने के तरीके और घरेलू उपचार क्या हो सकते हैं।
फूड पॉइजनिंग क्या है?
फूड पॉइजनिंग तब होती है जब हम ऐसा खाना या पेय पदार्थ खाते हैं जिसमें बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या टॉक्सिन्स (जहरीले तत्व) होते हैं। ये दूषित चीजें हमारे पेट में जाकर पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं और उल्टी, दस्त, पेट दर्द जैसी समस्याएं पैदा करती हैं। गर्मी में तापमान ज्यादा होने की वजह से खाना जल्दी खराब होता है और यही कारण है कि इस मौसम में फूड पॉइजनिंग के केस तेजी से बढ़ते हैं।
फूड पॉइजनिंग के आम लक्षण (Symptoms)
अगर आपने संक्रमित खाना खा लिया है, तो 2 से 6 घंटे के अंदर फूड पॉइजनिंग के लक्षण सामने आने लगते हैं। कुछ मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
पेट दर्द या ऐंठन
उल्टी आना
दस्त लगना (अक्सर पतले और बार-बार)
जी मिचलाना
बुखार
थकान और कमजोरी
शरीर में पानी की कमी (डिहाइड्रेशन)
सिरदर्द
यदि ये लक्षण 24 घंटे से ज्यादा बने रहें या बहुत ज्यादा गंभीर हो जाएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
गंभीर संकेत जिन्हें नजरअंदाज न करें
कुछ संकेत ऐसे होते हैं जो कि सामान्य नहीं होते और तुरंत चिकित्सा की जरूरत है जैसे अगर किसी व्यक्ति को लगातार खून वाले दस्त हो रहे हों, बहुत ज्यादा बार उल्टी हो रही हो, या पेशाब कम आ रहा हो या बिल्कुल बंद हो गया हो, तो ये फूड पॉइजनिंग के गंभीर संकेत हो सकते हैं। इसके साथ ही यदि शरीर से अत्यधिक पसीना निकल रहा हो, चक्कर आ रहे हों और व्यक्ति बहुत थका-थका महसूस कर रहा हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों में अगर तेज बुखार के साथ अत्यधिक सुस्ती दिखाई दे, तो इसे हल्के में न लें क्योंकि यह स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।
इन लक्षणों की अनदेखी करना खतरनाक हो सकता है, खासकर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए।
गर्मी में फूड पॉइजनिंग के कारण
गर्मी के मौसम में खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब हो जाती हैं और इस वजह से उन पर बैक्टीरिया और कीटाणु तेजी से पनपने लगते हैं। इस समस्या के पीछे कई मुख्य कारण होते हैं। जैसे कि बासी या खुले में रखा हुआ खाना खाना, गंदे हाथों से भोजन बनाना या खाना, और साफ-सुथरे पानी की बजाय गंदा या अशुद्ध पानी पीना। इसके अलावा, सड़क किनारे के ढाबों या स्ट्रीट फूड का अधिक सेवन भी फूड पॉइजनिंग को बढ़ावा देता है। कई बार लोग फ्रिज में खाना सही तरीके से स्टोर नहीं करते, जिससे वह जल्दी खराब हो जाता है। साथ ही, अगर खाना सैल्मोनेला, ई.कोली या नॉरोवायरस जैसे हानिकारक बैक्टीरिया से संक्रमित हो जाए, तो पेट खराब होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
फूड पॉइजनिंग से बचने के उपाय
थोड़ी सी सावधानी बरतकर आप फूड पॉइजनिंग से आसानी से बच सकते हैं
हमेशा ताजा और साफ खाना खाएं
खाने को ठंडी जगह या फ्रिज में रखें
बाहर का कट फ्रूट या खुले में रखा फूड न खाएं
पानी को उबालकर या फिल्टर करके ही पिएं
खाना बनाने से पहले और खाने से पहले हाथ धोना न भूलें
बाजार में मिलने वाले नॉन-वेज आइटम्स को पूरी तरह पकाकर ही खाएं
फ्रिज में रखा खाना दोबारा गर्म करके ही खाएं
फूड पॉइजनिंग के घरेलू इलाज
अगर फूड पॉइजनिंग के लक्षण हल्के हैं, तो आप कुछ घरेलू उपायों से राहत पा सकते हैं:
1. ORS या नमक-शक्कर का घोल: डिहाइड्रेशन से बचने के लिए ORS पिएं। घर में नमक और शक्कर का घोल बनाकर भी पी सकते हैं।
2. नींबू पानी और नारियल पानी: ये शरीर को तुरंत एनर्जी देते हैं और पानी की कमी पूरी करते हैं।
3. सादा खाना खाएं: उबला हुआ चावल, खिचड़ी या दाल जैसे हल्के और सुपाच्य भोजन लें।
4. अदरक और पुदीना का सेवन: अदरक की चाय या पुदीना पानी से उल्टी और जी मिचलाने में आराम मिलता है।
5. छाछ या दही: ये पेट के बैक्टीरिया को संतुलित रखते हैं और पाचन में मदद करते हैं।
नोट: अगर लक्षण गंभीर हैं या घरेलू उपायों से राहत नहीं मिल रही, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।गर्मी के मौसम में फूड पॉइजनिंग एक आम लेकिन खतरनाक समस्या बन जाती है। इसलिए जरूरी है कि हम खान-पान में साफ-सफाई और सतर्कता बरतें। लक्षणों को हल्के में न लें और जरूरत पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। थोड़ी सी सावधानी आपकी सेहत को बड़ी मुसीबत से बचा सकती है।