नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर हो गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि दोनों देशों ने अमेरिका की मध्यस्थता में लंबी बातचीत के बाद तत्काल और पूर्ण युद्धविराम पर सहमति जताई है. ट्रंप ने ट्वीट कर कहा, भारत और पाकिस्तान को समझदारी भरा फैसला लेने पर बधाई.

सीजफायर की पुष्टि भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच हुई बातचीत के बाद की गई. भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी इसकी पुष्टि की है. आज शाम 5 बजे से सीजफायर लागू हो गया है. लेकिन इस तनावपूर्ण टकराव के दौरान भारत ने पाकिस्तान पर किस तरह भारी बढ़त बनाई, ये जानना बेहद अहम है.

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर के ऐलान के बाद रक्षा मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी है. कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान की मिस इन्फर्मेशन कैंपेन के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अफवाह फैलाई है कि उसने अपने जेएफ 17 से हमारे एस-400 और ब्रह्मोस मिसाइल बेस को नुकसान पहुंचाया, ये बिल्कुल गलत है. उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान का कहना है कि उसने भारत एयरफील्ड सिरसा, जम्मू,पठानकोट और भुज में हमला किया है, ये गलत है. हमारे चंडीगढ़ और ब्यास स्थित हथियार खाने पर हमला किया, यह बात भी गलत है.

भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान को बड़ा सैन्य नुकसान झेलना पड़ा. अब तक सामने आए आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान के 7 एयरबेस पूरी तरह तबाह हो चुके हैं. इनमें 5 एयरबेस और 2 रडार बेस शामिल हैं. इनमें नूर खान एयरबेस रावलपिंडी, रहमियार खान मुस्तफाबाद ,पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में का मुरीद एयबेस, रहमियार खान, रफीकुई, मुरीदएयर बेस शामिल हैं. पाकिस्तानी लड़ाकू विमान मार गिराए गए हैं, ड्रोन लॉन्चपैड तबाह, AWACS सिस्टम नष्ट, हजारों करोड़ के हथियार और सैन्य उपकरण बर्बाद किए जा चुके हैं.

सिर्फ सैन्य मोर्चे पर ही नहीं, पाकिस्तान को इस टकराव में आर्थिक मोर्चे पर भी गहरा झटका लगा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत के साथ बढ़े तनाव के चलते पाकिस्तान को करोड़ों रुपये का कारोबारी नुकसान उठाना पड़ा है. यानी पाकिस्तान ने एक तरफ युद्ध में हथियार गंवाए, तो दूसरी ओर आर्थिक मोर्चे पर भी खुद को कमजोर कर लिया. जानकारों का मानना है कि जैसे-जैसे यह नुकसान बढ़ता जाएगा, पाकिस्तान के लिए उसकी भरपाई कर पाना मुश्किल होता जाएगा.