ब्रिटेन और भारत देश के बीच हाल ही में संपन्न हुए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत भारतीय उपभोक्ताओं को ब्रिटिश व्हिस्की और वाइन बेहद कम दामों पर मिल सकेगी.इस ऐतिहासिक समझौते में भारत देश ने ब्रिटिश शराब पर लगने वाले आयात शुल्क को चरणबद्ध तरीके से कम करने पर सहमति जाहिर की है, जिससे आने वाले दिनों में इन उत्पादों की कीमतों में उल्लेखनीय भारी गिरावट देखने को मिल सकेगी.

व्हिस्की और बियर शुल्क में कटौती

वर्तमान समय में भारत में ब्रिटिश व्हिस्की पर 150% आयात शुल्क लगाया जाता है. इस नई प्रणाली के तहत यह शुल्क आगामी दस वर्षों में घटाकर 40% तक कर दिया जाएगा. इससे स्कॉच व्हिस्की जैसे ब्रांड्स की कीमतों में बेहद कमी नज़र आएगी, जिससे भारतीय उपभोक्ताओं को सीधा लाभ पहुंचेगा. स्कॉच व्हिस्की एसोसिएशन का अंदेशा है कि इस समझौते से भारत में स्कॉच की बिक्री कई गुना बढ़ सकती है.

वाइन और अन्य शराब पर पड़ेगा प्रभाव

फिलहाल वाइन पर शुल्क कटौती की सटीक जानकारी अभी सामने निकल कर नहीं आई है, लेकिन विशेषज्ञों की टीम का कहना है कि मेट्रो सिटीज शहरों में वाइन की मांग में 12% से 15% इजाफा देखने को मिल सकता है. इससे वाइन उद्योग को भी काफी लाभ पहुंचेगा.

भारतीय शराब उद्योगों की प्रतिक्रिया

भारतीय शराब निर्माताओं ने सरकार से अनुरोध किया है कि आयात शुल्क में कटौती चरणबद्ध तरीके से करी जाए ताकि भारतीय घरेलू उद्योग की सुरक्षा सुनिश्चित किया जा सके. और उन्होंने यह भी मांग रखी है कि भारतीय उत्पादों को ब्रिटेन में भी बेहतर बाजार में इजाफा मिले.

भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार (FTA) समझौते का परिणाम

भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार (FTA) समझौते के तहत ब्रिटिश व्हिस्की और वाइन की कीमतों पर संभावित कमी आने से भारतीय उपभोक्ताओं को सीधा इसका लाभ पहुंचेगा. फिलहाल भारतीय घरेलू शराब उद्योग के हितों की सुरक्षा के लिए सरकार को सही रणनीति बनानी पड़ेगी.