बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के जवान पूर्णम कुमार शॉ गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर पाकिस्तान पहुंच गए थे। वहां पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें पकड़ लिया था। इस घटना के बाद से उनके परिवार की चिंता बढ़ गई थी, लेकिन अब 22 दिन बाद जब वह सुरक्षित भारत लौटे, तो परिवार में खुशी और राहत का माहौल है।

पत्नी का भावुक रिएक्शन- पहचान नहीं पाई
पूर्णम की पत्नी रजनी ने कहा, “जब 22 दिन बाद मैंने वीडियो कॉल पर उन्हें देखा, तो मैं उन्हें पहचान नहीं पाई क्योंकि उनकी दाढ़ी काफी बढ़ गई थी। उन्होंने मुझसे कहा कि चिंता मत करो, मैं ठीक हूं और मेरी मेडिकल जांच भी हो चुकी है। उन्होंने वादा किया कि खाना खाकर तीन बजे फिर से कॉल करेंगे। जब वो घर आएंगे, तो मैं उनके पसंदीदा खाने जरूर बनाऊंगी।”

हमने उम्मीद छोड़ दी थी: पत्नी 
भावुक रजनी ने कहा, “हमने लगभग उम्मीद छोड़ दी थी कि वो अब लौट पाएंगे। बहुत दिन बीत गए थे और कोई खबर नहीं थी। लेकिन फिर अचानक सीजफायर हुआ और तीन दिन में ही वो वापस आ गए।” उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का खासतौर पर धन्यवाद करते हुए कहा, “वो मुझे लगातार तीन-चार दिन से फोन कर रही थीं, मेरे हाल-चाल पूछ रही थीं। उन्होंने मेरे मेडिकल ट्रीटमेंट तक की जानकारी ली। इसके अलावा कल्याण सर और चेयरमैन विजय मिश्रा सर का भी फोन आया। सभी ने मुझे हिम्मत दी। मैं उन सभी का हाथ जोड़कर धन्यवाद करना चाहती हूं।”

कैसे पाकिस्तान पहुंच गए थे पूर्णम कुमार?
पूर्णम कुमार, पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में तैनात थे। ड्यूटी के दौरान गलती से उन्होंने इंटरनेशनल बॉर्डर क्रॉस कर लिया, जिसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उसी समय भारत और पाकिस्तान के बीच हालात और तनावपूर्ण हो गए थे क्योंकि भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई, जिससे तनाव और बढ़ गया और पूर्णम के परिवार की चिंता भी दोगुनी हो गई। लेकिन अंततः पाकिस्तान ने मानवीय आधार पर पूर्णम को भारत को सौंप दिया, जिससे उनका सुरक्षित घर लौटना संभव हो सका।