इंदौर। शिलांग में हनीमून मनाने गए और लापता हुए इंदौर के दंपति में से पति राजा रघुवंशी का शव रविवार को एक गहरी खाई से बरामद हुआ है, जबकि उनकी पत्नी सोनम का अब तक कोई सुराग नहीं मिला है। राजा का शव करीब डेढ़ सौ फीट गहरी खाई में मिला, जो सड़ चुका था और उससे तेज बदबू आ रही थी। शव को रस्सियों की मदद से बाहर निकाला गया और शिलांग के सरकारी अस्पताल की मॉर्चुरी में रखवाया गया है। शव का पोस्टमार्टम मंगलवार को किया जाएगा।

राजा के शव के पास से उनका मोबाइल फोन, पर्स, सोने की चेन और अंगूठी नहीं मिली है, सिर्फ एक स्मार्ट वॉच मिली है। परिजनों का कहना है कि जब वे इंदौर से रवाना हुए थे, तब राजा ने यह सभी चीजें पहनी थीं। परिजनों का मानना है कि यह किसी सामान्य दुर्घटना से इतर, किसी साजिश या वारदात की ओर इशारा करता है। हालांकि पुलिस ने फिलहाल इस मामले में कोई निष्कर्ष नहीं निकाला है और जांच जारी है।

राजा और सोनम के बैग उनके होमस्टे में मिले थे। बैगों की तलाशी लेने पर भी मोबाइल और गहनों का कुछ पता नहीं चला। इस पूरे मामले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनमें सबसे बड़ा सवाल यही है कि यदि यह कोई हादसा था तो फिर सोनम कहां हैं। अगर वह सुरक्षित होतीं तो अब तक सामने आ जातीं या किसी से संपर्क करतीं। स्थानीय लोगों से पूछताछ में भी उनके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

खास बात यह भी है कि राजा का शव जिस जगह से मिला है, वह इलाका पहले ही तलाशी अभियान का हिस्सा रह चुका है। इसके बावजूद इतने दिनों तक शव नहीं मिलना, संदेह को और गहरा कर रहा है। वहीं, राजा की स्कूटी एक अलग स्थान से मिली है, जिसकी दूरी शव मिलने की जगह से 25 किलोमीटर से ज्यादा है। यह फासला भी कई सवाल खड़े करता है।

सोमवार को मौसम खराब था और इलाके में घना कोहरा था, जिसके चलते सोनम की तलाश का काम रोकना पड़ा। अब मंगलवार सुबह फिर से उसी खाई के आसपास खोज अभियान शुरू किया जाएगा, जहाँ से राजा का शव मिला। इधर, राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने बताया कि वे पुलिस की जांच पर भरोसा कर रहे हैं, लेकिन अब तक मोबाइल, पर्स और गहनों का न मिलना घटना को संदिग्ध बनाता है। उन्होंने कहा कि अगर यह हादसा होता तो राजा की ये चीजे आसपास मिलनी चाहिए थीं, लेकिन अब तक कुछ भी बरामद नहीं हुआ है।

पूरे घटनाक्रम की शुरुआत 20 मई से हुई, जब राजा और सोनम इंदौर से गुवाहाटी के लिए रवाना हुए थे। 23 मई को उन्होंने मंदिर में दर्शन किए और फिर शिलांग पहुंचे। दोपहर में उन्होंने परिजनों से बात की, लेकिन इसके बाद उनका मोबाइल बंद हो गया। 24 और 25 मई को परिजन लगातार कॉल करते रहे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बाद में पता चला कि किराए पर ली गई गाड़ी लावारिस हालत में मिली है।

26 मई को राजा और सोनम के परिजन शिलांग पहुंचे और दोनों के लापता होने की जानकारी मीडिया में आई। 27 मई को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बताया कि उन्होंने मेघालय सरकार से संपर्क किया है और प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों को इस मामले में सतत संपर्क बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने राजा और सोनम की सकुशल वापसी की प्रार्थना भी की।

उसी दिन तलाशी अभियान तेज कर दिया गया और दोनों के बैग उनके होमस्टे में मिल गए। 28 मई को ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से तलाशी अभियान को और विस्तृत किया गया। सांसद शंकर लालवानी भी शिलांग पहुंचे और स्थानीय अधिकारियों से मिले।

29 और 30 मई को लगातार बारिश के कारण तलाशी अभियान बाधित रहा। पुलिस इस पूरे मामले को अब तक एक हादसे के रूप में देखती रही। 30 और 31 मई को स्कूटी मिलने वाले स्थान के आसपास खोजबीन हुई, लेकिन वहां से भी कोई सुराग नहीं मिला। 1 जून को घने कोहरे के बीच तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन फिर भी कुछ पता नहीं चला।

आखिरकार 2 जून को दोपहर में राजा का शव खाई में मिला, जो सड़ चुका था। शव को खोजी कुत्तों ने ढूंढा है। हालांकि सोनम का अब भी कुछ पता नहीं है। घटना ने न केवल परिजनों, बल्कि इंदौर के लोगों को भी स्तब्ध कर दिया है। अब सबकी निगाहें पुलिस जांच और सोनम की तलाश पर टिकी हैं। परिजन चाहते हैं कि पूरे मामले की निष्पक्ष और गहराई से जांच की जाए ताकि सच्चाई सामने आ सके।