मध्यप्रदेश के सोनकच्छ में पुलिस ने नकली नोट छापने वाले एक गिरोह को पकड़ा है। पुलिस ने इस गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 15.41 लाख रुपए के नकली नोट और नोट छापने के उपकरण बरामद किए गए हैं। पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह ने लाखों रुपए के नकली नोट बाजार में खपा दिए हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।


देवासपुलिस को बीएनपी क्षेत्र में चेकिंग के दौरान दो बाइक सवार युवक संदिग्ध लगे। तलाशी लेने पर उनके पास से 1.96 लाख रुपए के नकली नोट मिले। पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे सचिन नागर और शुभम वर्मा हैं। सचिन नागर सोनकच्छ के दुधलाई गांव का रहने वाला है। शुभम वर्मा देवास के आगरोद गांव का रहने वाला है।


उन्होंने पुलिस को बताया कि राजकुमार मालवीय नाम का उनका एक दोस्त खेड़ाखजूरिया गांव में अपने घर पर नकली नोट छापता है। देवास पुलिस ने राजकुमार के घर पर छापा मारा। वहां से राजकुमार और उसके दोस्त सुनील पाटिल को गिरफ्तार किया गया। सुनील पाटिल बुरहानपुर जिले के खकनार का रहने वाला है।


पुलिस ने उनके पास से 13.25 लाख रुपये से अधिक के 500-500 रुपये के नकली नोट बरामद किए। कुछ आधे छपे नोट भी मिले हैं।

देवास एसपी पुनीत गेहलोद ने इस मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 178, 179, 180, 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। पूछताछ में पता चला कि इस नकली नोट के कारोबार में आगरोद देवास के रहने वाले शक्ति सिंह चावड़ा भी शामिल हैं। इसके बाद पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया।


पुलिस को आशंका है कि इस गिरोह ने लाखों रुपये के नकली नोट बाजार में चला दिए होंगे। वे यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने ये नोट कहां-कहां खपाए हैं। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस गिरोह में और कौन-कौन शामिल है।


इस मामले में पुलिस ने लैपटॉप, प्रिंटर और स्कैनिंग पेटी सहित नकली नोट छापने के उपकरण जब्त किए हैं। पुलिस का मानना है कि इन उपकरणों का इस्तेमाल नकली नोट छापने के लिए किया जा रहा था।