भोपाल: मध्य प्रदेश में लगातार मौसम लुका छिपी का खेल खेल रहा है. इसी बदलाव के चलते प्रदेश में वायरल बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ता जा रहा है. सर्दी-जुकाम जैसे कई बीमारियों के अलावा, सांस संबंधी मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ रही है. मिली जानकारी के अनुसार, MYH सहित कई निजी अस्पतालों की OPD में इन्फ्लूएंजा और निमोनिया के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. वहीं डॉक्टरों के अनुसार, इस समय वायरल संक्रमणों का असर तेजी से बढ़ता है, खासकर उन लोगों पर जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है या जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं.

आपको बता दें कि इन्फ्लूएंजा एक वायरल संक्रमण है, जो मुख्य रूप से नाक, गले और कुछ मामलों में फेफड़ों को भी प्रभावित करता है. यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है, खासतौर पर जब रोगी खांसता या छींकता है. डॉक्टरों के अनुसार, मौसम के इस बदलाव में वायरल संक्रमणों का प्रकोप बढ़ना सामान्य है, लेकिन सतर्कता बरतना बहुत जरूरी है. हालांकि शुरुआती इलाज से मरीज ठीक हो रहे हैं, फिर भी लापरवाही भारी पड़ सकती है. इसलिए लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, ताकि बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सके.

वहीं MYH के मेडिशन विभाग के डॉ. अशोक ठाकुर, से मिली जानकारी के मुताबिक, यदि इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण दिखाई दें तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. खासकर जिन लोगों को अस्थमा, डायबिटीज या हृदय संबंधी समस्याएं हैं, उनके लिए यह संक्रमण ज्यादा जोखिम भरा हो सकता है. हाल के दिनों में वायरल संक्रमण के साथ-साथ निमोनिया के कई मामले भी सामने आए हैं, इसलिए लापरवाही न बरतें और शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें.

इन्फ्लूएंजा के लक्षण क्या हैं?
बरसात से पहले, मौसम बदलने के साथ इन्फ्लूएंजा का खतरा बढ़ रहा है. इसके कुछ आम लक्षण हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए:
1. अचानक तेज बुखार आना
2. खांसी के साथ गले में खराश
3. सिर और पूरे बदन में दर्द
4. कमजोरी और लगातार थकावट महसूस होना
5. ठंड लगना और पसीना आना
6. कुछ मामलों में उल्टी या दस्त (खासतौर पर बच्चों में)

कैसे बचें इस बीमारी से ?
1. इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ आसान सावधानियां अपनाना जरूरी है.
2. साफ-सफाई का खास ध्यान रखें, खासकर हाथ धोते रहें.
3. जरूरत न हो तो भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें.
4. घर का बना ताजा और संतुलित खाना खाएं.
5. भरपूर नींद लें ताकि शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे.
6. अगर ऊपर दिए गए लक्षण दिखें तो खुद इलाज न करें, तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.