ग्वालियर। मध्यप्रदेश के ग्वालियर विशेष सत्र न्यायाधीश अर्चना सिंह ने दस वर्षीय बालक की हत्या और दुष्कृत्य के आरोपी योगेश नाथ को फांसी की सजा सुनाई है। शादी समारोह में शामिल होने आए बालक को आरोपी बहला फुसलाकर ले गया था और उसके साथ गलत काम करने के बाद उसकी हत्या कर शव को झाडियों में छिपा दिया था। बालक के साथ दुष्कृत्य के मामले में जिले में पहली फांसी है। जबकि इससे पहले बच्चियों से दुष्कर्म के मामले में तीन आरोपियों को फांसी की सजा हो चुकी है।
अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी अनिल मिश्रा ने बताया कि घटना 28 अप्रैल 2017 की है और वारदात का शिकार बालक अपने परिजनों के साथ एक विवाह समारोह में शामिल होने बरा गांव आया था। विवाह समारोह से अचानक बालक गायब हो गया और उसकी तलाश की गई, लेकिन कहीं पर भी उसका सुराग नहीं मिला। बालक के ना मिलने पर परिजनों ने पुलिस को बालक के गायब होने की सूचना दी। पुलिस बालक की तलाश कर रही थी कि अगले दिन बालक की लाश एक गड्डे में मिली और उसके सिर में चोट थी।
मामले की जांच में पता चला कि बच्चे के साथ गलत काम कर हत्या की गई है। मामले की जांच की तो पता चला कि योगेश नाथ बालक को टॉफी और नाश्ता कराने के बाद अपने साथ ले गया और गलत काम कर हत्या कर लाश को छिपा दिया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मामला दर्ज किया।
पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी रात में जब घर आया तो उसकी शर्ट खून से सनी हुई थी। जिसे वह रात में ही धो रहा था और उसे शर्ट धोते हुए उसकी भाभी ने देखा था। पुलिस ने शर्ट जब्त कर आरोपी की भाभी को भी गवाह बनाया था।
मामले की पैरवी कर रहे अभियोजन ने मांग की थी की आरोपी ने बालक का अपहरण कर उसके साथ गलत काम किया और उसकी हत्या की, यह गंभीर कृत्य है और इसके लिए आरोपी को कड़ी सजा फांसी दी जाए। जिससे इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वालों को कड़ा संदेश जाए। जिस पर कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा दी।

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