भोपाल| लोकसभा चुनाव की हार के बाद पहली बार भोपाल पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया मीडिया से मुखातिब हुए| प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंच पर सिंधिया समर्थक मंत्री मौजूद रहे| सिंधिया ने कहा जिस मध्य प्रदेश को बेहाल करके छोड़ा गया उस मध्य प्रदेश की इमारत खड़ी करने की कोशिश कर रहे है | हमने कल्पना भी नही की थी जो स्थिति का सामना हम कर रहे है। जो स्थिति देश की है चिंताजनक है।

मोदी सरकार के बजट पर निशाना साधते हुए सिंधिया ने कहा मैने 17 बजट देखे है यह पहला बजट है जिसमे कोई वित्तीय आंकड़ा नही सुना। अपार जनसमर्थन के बावजूद भी कोई विकास की सोच नही| राहुल गाँधी के इस्तीफे पर उन्होंने कहा कांग्रेस के लिए बड़ा गंभीर समय है। हमने बहुत कोशिश की कि हम उन्हें मना पाए लेकिन वो कोई फैसला लेते है तो अडिग रहते है। इस बात का गर्व भी है हमे। अब समय आ गया अब ऐसे शख्स को मौका दिया जाना चाहिए जो कांग्रेस में नई जान फूंक सके।

प्रदेश में ब्यूरोक्रेसी और मंत्री के बीच खींचतान पर सिंधिया ने नसीहत दे डाली| उन्होंने कहा ब्यूरोक्रेसी एक विचारधारा हैं, मंत्री और ब्यूरोक्रेसी को साथ मिलकर चलना चाइये, मंत्रियो को सिंधिया की नसीहत ब्यूरोक्रसी के साथ मिलकर काम करना चाहीये| न मंत्री ऊपर न ब्यूरोक्रेसी ऊपर और न ही मुख्यमंत्री ऊपर सबको टीम भावना से काम करना ही होगा तभी सरकार सफल होगी। वहीं मंच पर समर्थक मंत्रियों की मौजूदगी पर बोले जो मंच पर नहीं बैठा हैं वो भी मेरा हैं जो बैठा है वो भी मेरा है| बता दें कि सिंधिया समर्थक मंत्रियों की नाराजगी सामने आई थी कि अधिकारी उनकी नहीं सुनते और मुख्यमंत्री भी उन्हें समय नहीं देते हैं|

बीजेपी पर निशाना साधते हुए सिंधिया ने कहा भाजपा की एक ही सोच एक ही लक्ष्य सरकार बनाओ मौज उड़ाओ| वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में खुद के नाम के सवाल पर सिंधिया ने कहा पार्टी का यह संयुक्त फैसला होगा निर्णय होगा। मैं दुबारा कहूंगा जल्द होना चाहिये, समय बीत रहा है, जल्द से सबको निर्णय लेना होगा| मध्य प्रदेश में सरकार पर खतरे को लेकर सिंधिया ने कहा कांग्रेस की सरकार मध्य प्रदेश में पूरी तरह मजबूत है । पूरे पांच साल तक सरकार चलेगी| मेरी दौड़ जनता की सेवा की है, सत्ता की नही है। 17 साल में सब यह जानते है। उन्होंने कहा प्रदेश के विकास के लिए लड़ लूंगा मर लूंगा लेकिन सत्ता कुर्सी के लिए कभी नही बोलूंगा। कांग्रेस साथ थी साथ है साथ रहेगी|

सिंधिया ने अप्रत्यक्ष रूप से गुटबाजी का समर्थन किया। सिंधिया गुटबाजी पत्रकारो मे भी तो होती है, हर व्यक्ति न्याय और सम्मान चाहता है। इससे तो सरकार मजबूत होते है। समय आने पर कान्ग्रेस एक है|

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