मंदसौर। मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के कुचड़ौद गांव में शादी को लेकर बेटी द्वारा लिए फैसले से एक पिता इतने नाराज हुए कि उन्होेंने जीवित बेटी को मृत घोषित कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने बेटी की गोरनी (मृत्यु भोज) कार्यक्रम की तारीख तय कर पत्रिका भी छपवाकर समाज में बांट दी। जानकारी मिलने पर समाज के पंचों ने युवती के पिता को समझाया जिसके बाद कार्यक्रम निरस्त हुआ।
हालांकि बेटी ने समाज में ही शादी की है, लेकिन पिता के नाराज होने का कारण युवक का बेरोजगार व नशे का आदि होना सामने आया है। कानून रूप से बालिग द्वारा की गई शादी सही होने के चलते अब परिजन भी इस शादी को स्वीकार कर चुके हैं ,लेकिन बेटी को अब भी वह मृत मान रहे हैं।
गांव के एक किसान परिवार की बेटी रेनू (परिवर्तित नाम) 25 जुलाई को सुबह घर से भाग गई थी। उसने गांव के ही रामलाल (परिवर्तित नाम) के साथ प्रतापगढ़ पहुंचकर कोर्ट में शादी कर ली। बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराने के बाद सूचना पर परिजन संबंधित स्थान पर पहुंचे और बेटी को साथ ले जाने का दबाव बनाया, वह नहीं मानी। अफजलपुर थाने पर बेटी ने माता-पिता को पहचानने से भी इनकार कर दिया था।