ग्वालियर। नागालैंड के फर्जी लाइसेंस पर राजस्थान के उदयपुर में एक बैंक में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे चार युवकों को स्पेशल टास्क फोर्स ने पकडा है। इनमें से एक युवक भिण्ड जिले के लहरौली गांव का है। उक्त युवक का लाइसेंस भिण्ड कलेक्टर के यहां से छह बार रिन्युवल भी हुआ है जिसे एसटीएफ ने जांच में लिया है। साथ ही इसके लिए एक टीम भिण्ड भी आ रही है।
सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश के भिण्ड जिले में 23 हजार से ज्यादा लाइसेंसी हथियार है, इनमें कई लाइसेंस नागालैंड, जम्मू कश्मीर के भिण्ड जिले में दर्ज हैं। ऐसे ही एक शस्त्र लाइसेंस पर लहरौली निवासी बुद्ध सिंह सरदारपुरा स्थित बैंक ऑफ बडौदा उदयपुर (राजस्थान) में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहा था। मुखबिर की सूचना पर राजस्थान एसटीएफ ने जब इस मामले की जांच की तो बडा फर्जीवाडा सामने आया। नागालैंड के दीमापुर में 1987 में जारी हुआ यह लाइसेंस 2005 से अब तक भिण्ड जिला दंडाधिकारी कार्यालय से छह बार रिन्यू हो चुका है। एसटीएफ ने भिण्ड के एक युवक के अलावा तीन अन्य सिक्योरिटी गार्ड को पकडा है, इनमें एक आरोपी मुरैना निवासी नारायण सिंह भी शामिल है।
पकडे गए आरोपी मुरैना निवासी नारायण सिंह ने पुलिस पूछताछ में खुद बताया कि वह कभी नागालैंड गया ही नहीं और फर्जी तरीके से लाइसेंस बनवाया था। इस लाइसेंस की जांच के लिए सलूंबर थाने से पुलिस टीम जांच के लिए मध्यप्रदेश आ रही है, ताकि यह पता लग सके कि आखिर यह लाइसेंस भिण्ड और मुरैना से रिन्यू किस प्रकार से हो रहे थे।
आरोपी नारायण से जब्त हथियार लाइसेंस के अनुसार यह लाइसेंस 18 सितंबर 1987 को नागालैंड से जारी हुआ था। लाइसेंस को ऑल इंडिया के लिए जारी किया गया था। जबकि किसी भी हथियार के लाइसेंस इश्यू करने की शुरुआत जिला स्तर या राज्य स्तर पर होती है। इसके बाद ही ऑल इंडिया के लिए लाइसेंस का परमिट दिया जाता है। इसमें भी कई पेचीदगियां सामने आती हैं। जबकि यह लाइसंेस सीधे ऑल इंडिया के लिए जारी किया गया था, जहां से इसके फर्जी होने की संभावनाएं बढ गईं। लाइसेंसधारी बुद्ध सिंह ने एसटीएफ को बताया उसने यह लाइसेंस 53 हजार रुपए में दलाल के जरिए बनवाया था।
12 बोर बंदूक का यह लाइसेंस 1987 में जारी होने के बाद 31 दिसंबर 1998 को समयावधि समाप्त लिखा था। इसके बाद वर्ष 2002 को नागालैंड दीमापुर से ही रिन्यू हुआ। फिर 2005 से 2008, 2008 से 2011, 2011 से 2014, 2014 से 2017, 2017 से 2019 और 2019 से जनवरी 2022 तक मध्यप्रदेश के कार्यपालिका दंडाधिकारी भिण्ड के कार्यालय से जारी होना बताया।
मध्यप्रदेश के भिण्ड के जिला दंडाधिकारी छोटे सिंह ने आज यहां बताया कि भिण्ड जिले के लोगों के अन्य प्रदेशों से बने शस्त्र लाइसेंसों की जांच कराई जा रही है। ऐसे फर्जी शस्त्र लायसेंस पहले भी पकडे गए है। भिण्ड के हजारों युवा फौज में है वह वहीं से शस्त्र लायसेंस बनवा लेते है। अब सभी शस्त्र लायसेंसों की जांच कराई जाएगी उसके बाद ही उनको रिन्यू किया जाएगा।

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