गुना। प्रदेश सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि प्रत्येक परिवार को पीने का जल अधिकार दिया जाएगा। इसी के तहत गुना जिले की प्रत्येक तहसील में अमृत योजना के तहत सर्वे कराया जाएगा। यह निर्णय पिछली केबीनेट की बैठक में लिया गया है। उक्त बात प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने शुक्रवार को विश्राम गृह में पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताई। श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में सीवर सिस्टम भी लागू किया जाएगा। शहरों के विकास हेतु बाहरी क्षेत्रों का विकास बेहद जरूरी है। इस संबंध जल्द जनप्रतिनिधियों एवं गुना जिले के मंत्री महेन्द्र सिंह से भी चर्चा करूंगा। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा गुना के बस के बस स्टेंड को शहर से बाहर ले जाने की कार्रवाई क्यों नहीं हुई ? इस संबंध में जिलाधीश से चर्चा कर प्राथमिकता के साथ कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री सिंह ने कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों से अवगत कराते हुए कहा कि प्रदेश में अतिवर्षा से 55 लाख किसान, 60 लाख हैक्टर जमीन, 11 हजार किमी सड़क का नुकसान एवं 1.2 लाख घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिसमें कुल नुकसान 16 हजार करोड़ का आंका गया है। जिसकी मांग केंद्र सरकार से की गई है। प्रदेश में 21 जिले प्रभावित हुए हैं, परंतु केंद्र से अभी कोई राशि उपलब्ध नहीं हुई है। जबकि प्रदेश सरकार द्वारा एनडीआरएफ को अक्टूबर माह में ही आंकलन भेज दिया गया है। जबकि प्रदेश सरकार द्वारा अपने बजट से 270 करोड़ खराब फसल हेतु एवं 200 करोड़ रुपए अन्य नुकसान हेतु दिए गए हैं। जिले में 1000 घरों को नुकसान हुआ है तथा नदी नालों में मरने वालों को 4 लाख रुपए प्रत्येक व्यक्ति को क्षतिपूर्ति हेतु दिए गए हैं। अब गुना जिले में 151 करोड़ रुपए की मांग की है।
मंत्री जयवर्धन सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार अपने संसाधनों, कार्रवाई हेतु कृत संकल्पित है। इसी के तहत एक उपकोष राज्य पुर्ननिर्माण कोष बनाया जा रहा है। जिसमें प्रदेश के विभागों में बचा पैसा जैसे लद्यु वनोपज से 1000 करोड़, कांग्रेस विधायक एवं मंत्री अपनी एक-एक माह की वेतन एवं आईएएस एसोसिएश्न अपना मिलने वाला एरियर इस कोष में प्रदान करेंगे। अन्य कई संस्थाएं इसमें सहभागी हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा दस माह में जिस गति से कार्य हुए हैं, वह पहले नहीं हुए। इनमें कर्जमाफी, मिलावट के विरूद्ध कार्रवाई, पेंशन दुगुनी एवं शादी के लिए दुगुने अनुदान दिया गया है। मंत्री जयवर्धन सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बिहार, कर्नाटक को सहायता प्रदान की। जबकि मप्र के साथ भेदभाव बरता गया है। वार्डों में हो रहे परिसीमन में गड़बडिय़ों के सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि नगर प्रशासन के प्रत्येक चुनाव के पूर्व परिसीमन की एक औपचारिकता होती है। उसी के तहत कार्रवाई हो रही है। उसमें कुछ कमियां होगी तो उन्हें ठीक किया जाएगा। वहीं नपा में चल रहे विवाद पर उन्होंने कहा कि नपा में विवाद हेतु अधिकारियों की बैठक लूंगा तथा जांच दल में अपनी क्या रिपोर्ट दी है उसे भी मद्देनजर रख कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
जिले में किसानों की कर्जमाफी नहीं होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिले के किसानों के कर्जे क्यों माफ नहीं हो रहे हैं। इस बारे में वह प्रभारी मंत्री से बात करेंगे। जबकि गुना जिले के 17698 किसानों के 50 हजार से कम के कर्जे माफ हुए हैं तथा 71000 किसान बचे हैं जिनका 50 हजार से 2 लाख कर्ज माफ होना बचा है।