भोपाल। प्रदेश सरकार की कोरोना के कारण गडबडाई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने अब पेट्रोल-डीजल पर कर बढाने का फैसला लिया है। शुक्रवार रात बारह बजे से पेट्रोल और डीजल एक-एक रुपये महंगा कर दिया है। इससे सरकार को सालाना करीब 570 करोड रुपये की अतिरिक्त आय होगी। सरकार को अप्रैल, मई और जून में लगभग एक हजार 800 करोड रुपये के राजस्व का नुकसान सिर्फ पेट्रोल-डीजल से हुआ है।

प्रदेश में अभी पेट्रोल पर 33 प्रतिशत वैट (वैल्यू एडेड टैक्स), एक प्रतिशत सेस और साढे तीन रुपये प्रतिशत लीटर अतिरिक्त कर लगता है। इसी तरह डीजल पर 23 फीसद वैट, एक प्रतिशत सेस और दो रुपये प्रति लीटर अतिरिक्त कर लगता है। प्रदेश सरकार द्वारा लगाए जाने वाले करों में लगभग 11 हजार पांच सौ करोड रुपये की आय पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले कर से होती है।

लॉकडाउन के कारण पेट्रोल और डीजल की खपत घटी तो कर भी कम मिला। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक अप्रैल में 135 करोड, मई में 336 करोड और जून में अब तक 850 करोड रुपये ही पेट्रोल-डीजल से कर मिला है। अन्य करों से आमदनी भी घटी है। इसकी वजह से राज्य की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से लगातार कर्ज भी लिया जा रहा है। पेट्रोल-डीजल में अतिरिक्त कर लगाने की अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशन के लिए वाणिज्यिक कर विभाग ने शुक्रवार शाम को भेज दी है।

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