भोपाल। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते वादी-प्रतिवादी कंज्यूमर कोर्ट ही नहीं पहुंच पा रहे हैं, जबकि उपभोक्ता अदालत लगातार खुल रही है। कंज्यूमर कोर्ट की मानें तो वायरस के पहले अदालत में हर माह 100 से 150 मामले दर्ज होते थे, लेकिन जब से यह वायरस का संक्रमण बढ़ा तब से एक भी मामले दर्ज नहीं हुए। जिला उपभोक्ता अदालत के सदस्य  सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि आदालत कोरोना गाइडलाइन का पालन कर विधिवत संचालित की जा रही है। अदालतों में वादी-प्रतिवादियों के न आने पर पुराने मामलों की पेंडेंसी कम की जा रही है उनकी सुनवाई टाली जा रही है।

कोरोना वायरस का प्रकोप इतना भयावह है कि ग्राहक बाजार में व्यापारियों एवं कंपनियों के ठगी के शिकार हो रहे हैं, लेकिन वायरस के डर से उपभोक्ता अदालतों की दहलीज पर जाने से कतरा रहे हैं। यह स्थिति 22 मार्च से जब लॉकडाउन लगा तब से बनी हुई है। ऐसा नहीं है कि ग्राहकों के पास शिकायतें नहीं है वे लॉकडाउन पीरियड में क्वालिटी एवं मनमानी कीमतों के शिकार सर्वाधिक हुए हैं, लेकिन कहीं वायरस के संपर्क में न आ जाए इसके चलते वे इससे दूरी बना रहे हैं। इतना ही नहीं जो पुराने वादी-प्रतिवादी थे वे भी अदालत में अपनी आमद दर्ज नहीं करा पा रहे हैं।

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