भोपाल। कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं मध्यप्रदेश में उपचुनाव 24 में कांग्रेस पार्टी के सीएम कैंडिडेट श्री कमलनाथ का एक बयान कार्यकर्ताओं के बीच डिस्कशन का सब्जेक्ट बन गया है। श्री कमलनाथ ने उन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को टारगेट किया है जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में नहीं गए। ऐसे सभी कांग्रेस नेताओं को पार्टी के प्रति अपनी वफादारी की परीक्षा देनी होगी। फैसला किया गया है कि ऐसे सभी नेताओं को ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ सार्वजनिक बयान देने होंगे। तभी हमारा जाएगा कि वह कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं और कांग्रेस पार्टी में ज्योतिरादित्य सिंधिया के जासूस नहीं है।

अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने ने 19 जून को भोपाल में आयोजित पार्टी की बैठक में जिन 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उन क्षेत्रों के जिलाध्यक्षों को निर्देश दिए कि जिस कार्यकर्ता पर यह शक हो कि वह चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया या भाजपा के साथ जा सकता है तो ऐसे कार्यकर्ता से सिंधिया या भाजपा के विरोध में मीडिया में बयान जारी कराओ। बयान जिलाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर से जारी हों। शक के दायरे में आ रहा कार्यकर्ता अगर बयान पर हस्ताक्षर नहीं करे या आनाकानी करे तो उसे तत्काल पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दो।

कांग्रेस पार्टी के शिवपुरी जिला अध्यक्ष श्री प्रकाश शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि भोपाल में 19 जून को प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ जी के साथ मीटिंग थी। मीटिंग में जिन 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, उन क्षेत्रों के पार्टी जिलाध्यक्ष व पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक में कमलनाथ जी ने निर्देश दिए थे कि जिन कार्यकर्ताओं पर सिंधिया या भाजपा के संपर्क में रहने या उनके साथ जाने का शक हो, उन कार्यकर्ताओं से सिंधिया या भाजपा नेता के खिलाफ संयुक्त (जिलाध्यक्ष के साथ) हस्ताक्षर से बयान जारी कराएं। अगर कार्यकर्ता बयान जारी नहीं करता तो उसे पार्टी के बाहर का रास्ता दिखाएं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *