इंदौर। मध्यप्रदेश की इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को आय से अधिक संपत्ति के आरोपी जिला खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना के माउंटवर्ग कॉलोनी स्थित आलीशान बंगले के ताले खुलवाए। पत्नी ज्योति खन्ना के नाम से लिए गए इस मकान की भव्यता देख पुलिस भी दंग रह गई। घर की साज-सज्जा के साथ ही लाखों रुपए के आलीशान फर्नीचर में चमचमाती मंहगी डाइनिंग टेबल, सोफे, झूमर घर की रौनक को चार चांद लगा रहे थे। मकान का हर कोना एयर कंडिशनर है, इसमें बाथरूम तक शामिल है। घर से मिनी बार भी मिला है। अभी इस मकान का उद्घाटन होना बाकी था, इसलिए सभी सामान चमचमा रहा था। जानकारी के अनुसार करीब एक करोड़ 40 लाख कीमत के बंगले में भव्यता की कोई कमी नहीं है। इंटीरियर पर भी एक करोड़ से ज्यादा खर्च किए गए हैं। ऑन डाक्यूमेंट्स इस बंगले की मालकिन खनिज अधिकारी की पत्नी है।

डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि तीन मंजिला यह मकान करीब 3200 स्क्वायर फीट में यह बना है, जिसका अभी उद्घाटन नहीं हुआ था। प्रदीप खन्ना को बुधवार को यहां लेकर पहुंचे और घर को खुलवाया। मकान लग्जरी है। 2017 से इसे बनाना शुरू किया था, जब अब बनकर तैयार हुआ है। इसमें उन्होंने ऐशो आराम की सारी सुविधाएं जुटाई थी।

खन्ना की दो बेटी और एक बेटा है। छोटी बेटी विदेश भी रही है। बता दें कि मंगलवार को लोकायुक्त पुलिस ने इंदौर में जिला खनिज अधिकारी रहे प्रदीप खन्ना के इंदौर और भोपाल स्थित ठिकानों पर छापा मारकर करोड़ों रुपए की चल-अचल संपत्ति का खुलासा किया था। प्रारंभिक जांच में ही भोपाल स्थित घर से नौ लाख रुपए कैश, बायपास स्थित टाउनशिप में दो करोड़ से अधिक कीमत का बंगला, प्लाॅट, पटेल नगर में फ्लैट का खुलासा हुआ था।

शिकायत में अकूत संपत्ति का विवरण, काला कुबेर बताया है
मंगलवार सुबह छह बजे गौतम नगर स्थित मकान का दरवाजा डीएसपी प्रवीण सिंह बघेल ने खटखटाया तो दरवाजा खन्ना ने ही खोला। मास्क लगाए लोकायुक्त अफसरों की टीम को देखकर पसीने में तर हो गया। सोफे पर बैठते ही कांपने लगा। जांच शुरू होती गई और काली कमाई का खुलासा होता चला गया। लोकायुक्त सव्यसाची सराफ के निर्देशन में दोनों शहरों में एक ही समय कार्रवाई की गई। लाॅकडाउन के पहले खन्ना की काली कमाई की शिकायत की गई थी।

नायता मुंडला स्थित माउंटबर्ग कॉलोनी में नवनिर्मित तीन मंजिल भवन।
इसी बंगले के बाजू में एक 1500 वर्ग फीट का प्लाॅट।
पटेल नगर स्थित पटेल-टावर में एक फ्लैट जिसका उपयोग प्रदीप खन्ना के परिजन द्वारा किया जा रहा है।
भोपाल में गौतम नगर में एक मकान जिसका उपयोग प्रदीप खन्ना द्वारा स्वयं के निवास के रूप में किया जा रहा है।
2 फोर-व्हीलर तथा 2-टू-व्हीलर वाहन के अलावा 09 लाख से अधिक की नकदी
13 लाख के स्वर्ण आभूषण तथा एक लाख के रजत आभूषण।
06 बैंक अकाउंट संबंधी दस्तावेज। बैंक से लॉकर की जानकारी निकालना शेष है।

खन्ना ने बेटी को हायर एजुकेशन के लिए हांगकांग भेजा था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पढ़ाई का खर्च करीब 40 लाख रुपए आया था। वहीं, भोपाल में बेटी की शादी भी चर्चा में थी। 150 से ज्यादा तरह के पकवान, महंगा डेकोरेशन अधिकारियों में चर्चा का विषय बना था।

निरीक्षक विजय चैधरी के मुताबिक खन्ना की नियुक्ति 1986 में तृतीय श्रेणी कर्मचारी के रूप में हुई थी। 2001 में इसे प्रमोशन मिला। फिर यह खनिज अधिकारी बना। तभी से पद का दुरुपयोग कर काली कमाई खड़ी करना शुरू की। 34 साल की नौकरी में वेतन से कमाई 75 लाख रुपए बनती है, लेकिन प्रारंभिक जांच में ही आंकड़ा करोड़ों रुपए में जा रहा है।

प्रदीप खन्ना करीब पांच साल तक इंदौर में जिला खनिज अधिकारी रहा। अक्टूबर 2019 में कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने अपर कलेक्टर कैलाश वानखेड़े से खनन की शिकायतों को लेकर जांच कराई, जिसमें सरकारी जमीन पर अवैध खनन होने, गलत पट्टे बांटने तक की कई गंभीर गड़बड़ी मिली, इस पर कमिश्नर आकाश त्रिपाठी ने उसे सस्पेंड कर दिया। दो माह बाद ही प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने यह कहकर खन्ना को बहाल कर दिया कि वित्तीय वर्ष का अंतिम माह है अभी राजस्व देखना है, इसलिए विभाग को खन्ना की जरूरत है। कुछ माह पहले फिर एक पहाड़ी पर खनन मामले में खन्ना की कार्य शैली को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह ने शासन को पत्र भेजा, जिसके बाद उसका इंदौर से ट्रांसफर हुआ।

खनन कारोबार से जुड़े कुछ कई कारोबारी खन्ना के साथ मिल गए थे। बताया जाता है कि वह बिना कागज के ही हिस्सेदार हो गए थे। अवैध खनन कराने पर उसे बड़ी राशि मिलती थी। कुछ कारोबारियों ने घर में आयोजित एक आयोजन में लाल कार भी गिफ्ट की थी, जो कारोबारियों के बीच चर्चा का विषय रही। प्रदीप खन्ना के कारण रेवती रेंज की पहाड़ी बुरी तरह खोद दी गई। बीएसएफ के अफसरों ने कई बार शिकायतें की, लेकिन किसी ने उसके खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया। इस तरह उसके हौसले बढ़ते गए। जब आम शिकायतें बढ़ीं तब दिन के बजाए रात में जेसीबी चलने लगी। इसी तरह धनखेड़ी की पहाड़ी पर जमकर अवैध खनन हुआ।

बताया जाता है कि कय्युम खान नामक बिल्डर से प्रदीप खन्ना की अच्छी खासी सांठगांठ थी। उसने ही नायता मुंडला में माउंटवर्ग कॉलोनी काटी थी। वहीं पर खन्ना ने तीन मंजिला आलीशान मकान बनाया। इसी कॉलोनी के पीछे अवैध खनन हुआ। देवगुराड़िया की पहाड़ी पर भी अवैध खनन कराया गया। सूत्रों का कहना है कि दफ्तर में काम करने वाले डामोर से लेकर अन्य कर्मचारी खन्ना को गुरु मानते थे। खन्ना कहीं भी रहे, लेकिन उसके इशारे पर अवैध खनन का काम कभी रुकता नहीं था।

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