इंदौर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने अधिवक्ता अंचला जोशी की उपचार के दौरान हुई मौत के मामले में दो निजी अस्पतालों सहित राज्य के 7 जिम्मेदारों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इंदौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एल आर भटनागर ने एसोसिएशन के सचिव पंकज सहिनी की ओर से दायर इस याचिका में कहा है कि 58 वर्षीय अंचला जोशी बार की सक्रिय सदस्य थी।  

आरोप लगाते हुए कहा गया है कि 5 सितंबर को उन्हें दिल का दौरा पड़ने पर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए कहा गया। इस बीच समय रहते उन्हें कृत्रिम स्वांस और अन्य उपचार न मिलने के चलते उनकी जान चली गई। याचिका में जिले की लोकस्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े करते हुए कहा गया है कि कोरोना महामारी के बावजूद जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था के प्रति जिम्मेदारों का उदासीन रवैया बना हुआ है।  

अंचला जोशी की मौत के लिए राज्य शासन के जिम्मेदार पांचों पक्षकार अधिकारियों और दोनों अस्पताल के संचालकों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने, अस्पतालों का पंजीयन निरस्त करने की मांग की गई है। अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यायधीश प्रकाश श्रीवास्तव की एकल पीठ ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव, संचालक-लोक स्वास्थ्य सेवाएं, इंदौर जिला कलेक्टर, अधीक्षक पुलिस मुख्यालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी इंदौर और अरविन्दो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, बाम्बे अस्पताल के संचालकों को नोटिस जारी कर आगामी 4 सप्ताह में जवाब तलब किया है।  

अदालत ने याचिकाकर्ता के शीघ्र सुनवाई के अनुरोध पर गुरुवार को याचिका की सुनवाई कर याची को अंतरिम राहत देते हुए इंदौर जिला कलेक्टर को आदेश दिया है कि वे इस मामले की अपने स्तर पर जांच करे। साथ ही घटना दिनांक 5 सितंबर के सम्बंध में दोनों अस्पतालों के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखे जाने के प्रबंध करें। 

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